महाराष्ट्र में भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद मुश्किलों में फंसते दिख रहे हैं। ऐसी अटकलें हैं कि मुख्यमंत्री के खिलाफ टिप्पणी को लेकर राणे को गिरफ्तार किया जा सकता है। कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि नासिक पुलिस की एक टीम कोंकण क्षेत्र के चिपलून के लिए रवाना हो गई है, जहां राणे इस समय मौजूद हैं। केंद्रीय मंत्री के खिलाफ शिकायत के बाद इन घटनाक्रमों पर पुलिस की ओर से अभी कोई जानकारी नहीं आई है।

केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के ख़िलाफ़ पुणे के चतुरशृंगी पुलिस स्टेशन में युवा सेना की शिकायत के बाद एफआईआर दर्ज की गई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने के लिए नारायण राणे के ख़िलाफ आईपीसी की धारा 153 और 505 के तहत एफआईआर दर्ज़ की गई है।

40 मामले हो चुके हैं दर्ज
बता दें कि जब से नारायण राणे की जनआशीर्वाद यात्रा शुरू हुई है, तब से शिवसेना उनपर आक्रमण हैं। अभी तक जनआशीर्वाद यात्रा के दौरान कोविड उल्लंघन के मामले में नारायण राणे और उनके कार्यकर्ताओं पर 40 मामले दर्ज हो चुके हैं।

शिवसेना को नितेश राणे की खुली चेतावनी
केंद्रीय मंत्री राणे और शिवसैनिकों के बीच जारी टकराव को देखते हुए नारायण राणे के बेटे नितेश राणे ने शिवसैनिकों को खुली चुनौती दी है। नितेश राणे ने ट्वीट किया है, ”युवा सेना के सदस्यों को हमारे जुहू स्थित घर के बाहर विरोध प्रदर्शन के लिए कहा गया है, या तो मुंबई पुलिस उन्हें वहां आने से रोके, नहीं तो जो कुछ भी होगा, उसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी। उन्होंने ट्वीट में लिखा  “शेरों की मांद में जाने की हिम्मत मत करो! हम इंतजार कर रहे होंगे!’’

राणे की टिप्पणी पर शिवसेना के रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग के सांसद विनायक राउत ने कहा कि राणे ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है। राउत ने कहा “भाजपा नेतृत्व को प्रभावित करने के लिए, राणे शिवसेना और उसके नेताओं पर हमला कर रहे हैं। मोदी के नेतृत्व वाले मंत्रालय में शामिल होने के बाद उन्होंने अपना मानसिक संतुलन खो दिया। मोदी को उन्हें दरवाजा दिखाना चाहिए।”

महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा कि केंद्रीय मंत्री नारायण राणे मुख्यमंत्री के प्रति जिस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, वो कान के नीचे थप्पड़ मारने की बात कर रहे हैं। ये पूरे महाराष्ट्र का अपमान है। क़ानून से बड़ा कोई नहीं और निश्चित रूप से क़ानूनी कार्रवाई होगी।

राणे ने 1960 के दशक के अंत में बाल ठाकरे के नेतृत्व वाली मिट्टी के पुत्र पार्टी के साथ मुंबई में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। उन्होंने 1990 में शिवसेना विधायक के रूप में महाराष्ट्र विधानसभा में प्रवेश किया था।

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