अफगानिस्तान में बिगड़ते हालात को देखते हुए भारत के महावाणिज्य दूतावास ने मजार-ए-शरीफ के आसपास रहने वाले सभी भारतीय नागरिकों से भारत लौटने की अपील की है। दूतावास ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मजार-ए-शरीफ से नई दिल्ली के लिए मंगलवार शाम को एक विशेष फ्लाइट रवाना हो रही है। इसलिए मजार-ए-शरीफ के आसपास रहने वाले सभी नागरिकों से अपील है कि वह आज देर शाम प्रस्थान करने वाली विशेष उड़ान से भारत के लिए रवाना हों।
(2/2) Indian citizens desiring to leave by special flight should immediately convey their full name, passport number, date of expiry by whatsapp at the following numbers:
0785891303
0785891301— India in Mazar (@IndianConsMazar) August 10, 2021
भारतीय दूतावास ने आगे लिखा कि विशेष उड़ान से जाने के इच्छुक भारतीय नागरिकों को अपना पूरा नाम, पासपोर्ट नंबर, समाप्ति की तारीख व्हाट्सएप द्वारा निम्नलिखित नंबरों पर तुरंत भेजें। अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते वर्चस्व को देखते हुए इस तरह के फैसले लेने पड़ रहे हैं।
कंधार से 11 जुलाई को बुलाए थे डिप्लोमेट्स
भारत सरकार मजार ए शरीफ के दूतावास में काम करने वाले ज्यादातर कर्मचारियों को भी वापस बुला रही है। शाम को आने वाली इसी फ्लाइट से उन्हें लाया जाएगा। एक महीने में ऐसा दूसरी बार हो रहा है, जब अफगानी दूतावास से भारतीय डिप्लोमेट्स को बुलाना पड़ा है। इससे पहले 11 जुलाई को कंधार दूतावास से डिप्लोमेट्स को बुला लिया गया था। सरकार ने उस समय कहा था कि दूतावास बंद नहीं किया जा रहा है, लेकिन स्टाफ को कम कर दिया गया है।
उज्बेकिस्तान से मिलती हैं शहर की सीमाएं
मजार ए शरीफ अफगानिस्तान का बेहद महत्वपूर्ण शहर है। यहां की आबादी 5 लाख के करीब है। यह बल्ख प्रॉविंस की राजधानी है। इस शहर की सीमाएं कुंदुज और काबुल के अलावा उज्बेकिस्तान के तरमेज शहर से मिलती हैं।
काबुल भी सुरक्षित नहीं, तालिबान के हमले जारी
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल देश के दूसरे हिस्सों के मुकाबले सुरक्षित है, लेकिन पिछले बुधवार को काबुल में तालिबान के आत्मघाती लड़ाकों ने एक बेहद दुस्साहसिक हमले में रक्षा मंत्री के घर को निशाना बनाया था। इस हमले में 8 नागरिक मारे गए और दर्जनों घायल हुए। यह बीते एक साल में काबुल पर तालिबान का सबसे बड़ा हमला था।
इस हमले के बाद तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने भास्कर को भेजे एक लिखित बयान में कहा, ‘इस्लामी अमीरात की शहीद बटालियन का ये हमला काबुल सरकार के प्रमुख लोगों के खिलाफ तालिबान के हमलों की शुरुआत है। हम आगे भी ऐसे हमले करेंगे।’ इसके अगले ही दिन यानी शुक्रवार को तालिबान ने अफगानिस्तान सरकार के मीडिया प्रमुख दावा खान मेनापाल की काबुल में हत्या कर दी थी।