भोपाल। बात कहां से शुरू की जाए, ये सोचना पड़ेगा… क्योंकि याद राहत इंदौरी को करना है। उनकी शायरी के लिए कुछ कहा जाए, तो अंदाज ए बयां का किस्सा अधूरा रह जाएगा। उनकी मुसवविरि पर कोई बात की जाए तो उनके बेहतर बसने वाले इंसान की शख्सियत का जिक्र बाकी रह जायेगा। एक इंसान में समाई हुई हजारों खासियतों का मुजस्समा थे डॉ राहत इंदौरी। आज भौतिक तौर पर वे हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका कलाम, उनकी बातें, उनकी अदा और अंदाज के साथ उनकी करोड़ों यादें हमेशा हमारे साथ रहने वाली हैं।
अंतरराष्ट्रीय शायर मंजर भोपाली ने ये बात बुधवार को राजधानी में आयोजित कार्यक्रम में कहीं। मशहूर शायर डॉ राहत इंदौरी की पहली पुण्यतिथि पर कार्यक्रम राहत : यादें और बातें आयोजित किया गया था। इस मौके पर राहत इंदौरी की जिंदगी के अनछुए पहलुओं को दर्शाती एक पुस्तक राहत : अज़ीम फनकार बेमिसाल इंसान का विमोचन भी किया गया। पुस्तक उनके भानजे पत्रकार खान आशु ने कई पहलुओं को समाहित करते हुए लिखी है। कार्यक्रम में मौजूद डॉ मेहताब आलम, जफर सहबाई, जिया फारूकी आदि ने भी राहत की शख्सियत पर रोशनी डाली और उनके साथ गुजारे वक्त की यादें शेयर की। कार्यक्रम में कांग्रेस प्रवक्ता मुनव्वर कौसर और आर्किटेक्ट एसएम हुसैन ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन बद्र वास्ती ने किया। आयोजन आशिकान ए राहत इंदौरी ने किया था। संयोजक मुशाहिद सईद खान, जफर आलम खान, सैयद फैज अली, जावेद बेग, फरहान खान, अदनान खान, मोहम्मद शायान, शाहवेज सिकंदर आदि ने कहा कि राहत साहब की श्रद्धांजलि के साथ शुरू किया ये सिलसिला अब जारी रहेगा। साहित्य की महफिलों में शायर, कवि, पत्रकार, साहित्यकार याद किए जाते रहेंगे।