हमारे देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत डोभाल ने कल हमारे देश के पुलिस अफसरों को ट्रेनिंग देने वाली हैद्राबाद की सरदार पटेल अकादमी के दीक्षांत समारोह में बहुत ही दुरूस्त बात कही है ! कि राजनीतिक और सैनिक मकसद हासिल करने के लिए युद्ध अब ज्यादा असरदार नहीं रह गए हैं ! दरअसल युद्ध बहुत महंगे होते हैं, हर देश उन्हें अफोर्ड नहीं कर सकता! शेष उनके नतीजे के बारे में भी हमेशा अनिश्चितता बनी रहती है ! ऐसे में समाज को बांटकर और भ्रम फैलाकर देश को नुकसान पहुंचाया जा सकता है ! उन्होंने कहा कि लोग सबसे महत्वपूर्ण है ! इसलिए युद्ध की चौथी पीढ़ी के तौर पर नया मोर्चा खुला है, जिसका टारगेट समाज है !

अजीत डोभाल जी भारतीय पुलिस सेवा दल के रिटायर अफसरों में से एक है ! आई बी के प्रमुख पद से रिटायर होने के बाद वर्तमान सरकार 2014 में सत्ता में आने के बाद से ही उन्हें भारत के सुरक्षा सलाहकार की जिम्मेदारी सौंपी गई है !
सुना है कि अजीत डोभाल बचपन से आर एस एस की शाखा से प्रशिक्षित स्वयंसेवकों में से एक है ! इसलिए उन्होंने जो अत्यंत महत्वपूर्ण बात हैद्राबाद की सरदार पटेल अकादमी के दीक्षांत समारोह में कहीं है कि समाज को बांटकर भी देश तोडे जा सकते हैं ! इस बात में संघ लगभग सौ साल से भी ज्यादा समय से जो प्रशिक्षण, प्रचार-प्रसार कर रहा है वह देश के जोडने हेतु कितना काम आ रहा है ? मेरे इस सवाल का जवाब देने का कष्ट करेंगे ?

मै भी मेंरे जीवन के शुरू के दौरान संघ की शाखा में गया हूँ ! और हिंदुओं का हिंदुस्तान जैसे खेल, गाने, बौद्धिक, कथा, कहानियाँ सुनने के बाद ! मुझे लगा की यह तो देश की गंगा-जमुनी तहजीब को तार तार करने की साजिश है ! क्योंकि 1946-47 में धर्म के आधार पर ही इस देश का बटवारा हुआ है ! और मै बटवारा होने के बीस साल के अंदर के समय ( 1965-66 ) की बात कर रहा हूँ ! जो संघ की शाखा में खुद अपने अनुभव से ही यह मजमून लिख रहा हूँ ! और सबसे हैरानी की बात मुसलमानों को मध्य प्रवाहमे शामिल होने की बात संघ के शाखा में सुनने के कारण मै शाखा में खुद कुछ मुस्लिम लडके ले जाने की कोशिश करने के कारण मुझे संघ ने बाहर का रास्ता दिखा दिया !

और उसी वजह से सही मायने में भारत की एकता-अखंडता के लिए स्थापित ! राष्ट्र सेवा दल में शामिल होने के कारण ! मै उन मुस्लिम लडको को भी उस शाखा में शामिल करा सका ! जिस राष्ट्र सेवा दल ने इस्लाम के साडेचौदह सौ साल के इतिहास में पहला रिफाॅर्मिस्ट मुसलमान तैयार किया है ! मरहूम हमीद दलवाई मुस्लिम सत्य शोधक समाज के संस्थापक और भारत में मुसलमानों को भी काॅमन सिविल कोड लागू करने के लिए पहला आंदोलन करने वाले ! जिनकी 1977 में किडनी फेल होने के कारण अकालमृत्यू हो गई ! डोभाल साहब आप खुद इमानदारी से जवाब दीजिये कि हिंदूओ के या मुसलमानों के या और भी किसी धर्म के आधार पर बने संघटन क्या भारत में समाज को बांटकर भी देश तोडे जा सकते हैं ? की आपकी ही ताजी बात नहीं कर रहे हैं ? आप जब आई बी के प्रमुख पद पर थे तब एक एप्रिल 2006 नांदेड, 1जून 2006 संघ मुख्यालय, नागपुर और मालेगाँव के दोनों विस्फोट तथा उसके बाद समझौता एक्सप्रेस, कल आपने सरदार पटेल अकादमी के दीक्षांत समारोह में यही बात कही उस हैद्राबाद के मक्का मस्जिद और लुंबीनी पार्क के विस्फोट और करकरे की शहादत नहीं हुई होती तो शायद भारत की काफी आतंकवादी हरकतों को उजागर करने की संभावना थी जो लगभग रोक दिया गया है ! और मै अगर गलत नहीं हूँ तो उस समय आई बी के प्रमुख पद पर आप ही थे !

आप खुद भारत की सबसे महत्वपूर्ण जाँच एजेंसियों में से एक के प्रमुख पद पर थे ! क्या आपको लगता नहीं है कि वह आतंकवादी हरकतों से भारत की एकता-अखंडता के लिए खतरा बन रहा है ? और अब समाज को बांटकर भी देश तोडे जा सकते हैं ! वाली आपकी कल की बहुत ही महत्वपूर्ण बात आज से पंद्रह वर्ष पहले प्रत्यक्ष रूप से हो रही थी ? डोभाल साहब आप खुद जानते हैं कि इनमें से कुछ घटनाओकी जाँच मैंने खुद की है ! और आपने खुद सुना है कि हमारे मरहूम दोस्त और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पत्रकार रहे प्रफुल्ल बीडवाई के साथ आपने इस बात की चर्चा की है ! तो डोभाल साहब आप आज हमारे देश की रक्षा करने के लिए वर्तमान सरकार में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैसा महत्वपूर्ण पदाधिकारियों में शामिल होने के कारण मेरी आपसे विनम्र प्रार्थना है कि ! अगर सचमुच आप ने कल हैद्राबाद की सरदार पटेल अकादमी के दीक्षांत समारोह में कहीं बात !

जो हम लोग होश सँभालने के बाद लगातार बोल-लिख रहे हैं ! तो सांप्रदायिक आधार पर चल रहे वर्तमान सत्ताधारी राजनीतिक दल और उनके मातृ संघटन भारत के समाज को बांटकर भी देश तोडे जा सकते हैं ! वाली आपकी बात नहीं कर रहे हैं ? राम मंदिर आंदोलन से क्या देश को जोड़ने का काम हुआ है या बाटने का ? क्योंकि आप भारत के सुरक्षा सलाहकार की जिम्मेदारी का निर्वाह कर रहे हैं ! और कल आपने पहली बार आपके पद की गरिमा का पालन करते हुए बहुत ही महत्वपूर्ण बात की है ! जिससे मै शत-प्रतिशत सहमत हूँ ! इसलिए हम लोग राष्ट्र सेवा दल, आंतर भारती ,साने गुरूजी कथामाला जैसे उपक्रम 80 साल से भी ज्यादा समय से करने की कोशिश कर रहे हैं ! और हमारे सभी प्रशिक्षण और बौद्धिक गतिविधियों को देखकर क्या आपको लगता नहीं कि यह बात इमानदारी से अगर कोई कर रहे हैं तो हम ही कर रहे हैं ! हमारे बाबा आमटे जी के नेतृत्व में 1985-86 के दौरान भारत जोडो यात्रा और राष्ट्रीय एकता-अखंडता के लिए हमारे सतत चल रहे प्रयासों में और हिंदुत्व या मुस्लिमत्व के आधार पर बने संघटन में आपको कोई फर्क नजर नहीं आता ? लेकिन संघ और उसीके देखां-देखी में चल रहे मुस्लिम, सिख, क्रिश्चियन तथा अन्य जातिवादी, सांप्रदायिक संघटन और सबसे अहम बात आप आज जिस सत्ताधारी दल के द्वारा चल रही सरकार के सुरक्षा सलाहकार की जिम्मेदारी का निर्वाह कर रहे हैं !

क्या उसकी राजनीतिक गतिविधियों को देखकर आपको लगता नहीं कि अब समाज को बांटकर भी देश तोडे जा सकते हैं वाली ! आपकी बात नहीं कर रहे हैं ? क्योंकि चालीस साल की उम्र की पार्टी के कार्यक्रम देखने के बाद क्या आजादी के बाद भारत के समाज को बांटकर भी देश तोडे जा सकता है के ! लगातार कार्यक्रम राम मंदिर आंदोलन, गोहत्या बंदी, लव-जेहाद, धर्मांतरण के विरोधी कानून, नागरिकता का कानून से लेकर कश्मीर के साथ चल रहा व्यवहार ! और आये दिन तीज-त्यौहार के मौके पर जानबूझकर की जाने वाली हरकतों को !

देखकर क्या आपको लगता है कि हमारे देश के समाज को बांटकर भी देश तोडे जा सकते हैं वाली आपकी बात नहीं कर रहे हैं ? अजीत डोभाल साहब आप अगर यह बात इमानदारी से बोले है तो मैंने पहले ही कहा है कि देर से आए लेकिन दुरूस्त आए ! और आपके इस चिंता को दूर करने के लिए हम भी आपके कंधे से कंधा मिलाकर आपको सहयोग करने के लिए तैयार है ! लेकिन इमानदारी से !

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