राफेल डील को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है. इसी बीच अलग-अलग पक्षकार राफेल डील को लेकर अपनी अलग-अलग दलिले पेश कर रहे हैं. वहीं, सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश रजंन गोगोई ने कहा कि अगर हम राफेल की कीमत को लेकर बहस करते हैं. तो पहले कोर्ट को ये तय करें कि राफेल की कीमत सार्वाजनिक होना जरुरी है.

वहीं, केंद्र सरकार की ओर से पेश आर्टानी जनरल केके वेनुगोपाल ने कहा राफेल की कीमत का खुलाशा करने के बीच में कुछ बधाएं है. जिनका हमें सामना करना पड़ रहा है. उसी में से एक है. अंतर सरकार समझौते. हालांकि, केंद्र सरकार ने गत दिनों सील बंद लिफाफे में कोर्ट को राफेल की कीमत बता दी है.

विभिन्न पक्षकारों द्वारा दायर की गई याचिकाओँ पर सुनवाई शुरु होते ही वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कोर्ट को बताया कि निविदा आंमत्रित करने से बचने के लिए सरकार ने राफेल विमान खरीदने के लिए अंतर सरकार समझौते का सहारा लिया था.

वहीं, कोर्ट ने वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण से कहा कि हम आपको अपनी दलीले पेश करने के लिए बेहत सीमित समय दे रहे है. ऐसे में आप बेहद सावधानीपर्वक अपनी दलीलों को पेश करें.

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