नई दिल्ली: कश्मीर में लगातार हो रही हिंसा और पत्थरबाजों और आतंकियों को फंडिंग करने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का शिंकजा और कस गया है। पिछले करीब दो माह से कश्मीर के अलगाववादी नेताओं पर एनआईए की जो कार्रवाई हो रही है. अब तो आलम ये है कि अलगाववादी नेताओं को दिल्ली में अपनी पैरवी के लिए वकील ढूंढें नहीं मिल रहा है. अलगावादी नेताओं का मामले में कोई भी वकील हाथ नहीं डालना चाहता है.
जानकारी के मुताबिक हुर्रियत के कुछ नेता जिनमें शब्बीर शाह और सैयद अली शाह गिलानी अहम हैं, लगातार ऐसे वकीलों के संपर्क में हैं, जो कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के लिए काफी सहानुभूति रखते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं इन नेताओं ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एसआर गिलानी के साथ भी कांटैक्ट किया है।
हुर्रियत नेताओं ने गिलानी को जिम्मेदारी दी है कि वह उनके लिए वकील तलाशें जो एनआईए की स्पेशल कोर्ट में उनकी पेशी के दौरान उनके पक्ष को मजबूती से रख सकें। आपको बता दें कि गिलानी साल 2001 में संसद पर हुए हमले में आरोपी थे। गिलानी को साल 2010 में बरी किया गया था। फिलहाल वह एक एनजीओ के मुखिया हैं।
कश्मीर के अलगाववादी नेताओं पर अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का शिंकजा और कस गया है। पिछले करीब दो माह से कश्मीर के अलगाववादी नेताओं पर एनआईए की जो कार्रवाई हो रही है, उसका नतीजा है कि इन नेताओं को दिल्ली में अपनी पैरवी के लिए वकील ही नहीं मिल पा रहा है। आपको बता दें कि अलगाववादी नेताओं को आज कोर्ट में पेश किया जाना है।