उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा सकता है. कांग्रेस के युवा नेता और राहुल गांधी के यंग ब्रिगेड के सदस्य जितिन प्रसाद पार्टी छोड़ सकते हैं. जितिन के पाला बदलने से उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है. अभी पार्टी की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है.
चौथी दुनिया को मिली जानकारी के मुताबिक जितिन शुक्रवार शाम चार बजे बीजेपी का दामन थाम सकते हैं.बताया जाता है कि जितिन की लोकसभा सीट धौरहरा से बदलकर लखनऊ कर दी गयी थी. यही नहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया की की तरह उन्हें कोई महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी भी नहीं दी गयी थी.
दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से पढ़े जितिन प्रसाद महज 35 साल की उम्र में मनमोहन सिंह सरकार में राज्यमंत्री बने थे. 2004 में वो अपने पैतृक लोकसभा क्षेत्र शाहजहांपुर से सांसद बने. 2009 में परिसीमन के कारण ये सीट जाती रही. तब वो धौरहरा से संसद पहुंचे थे.
कांग्रेस कार्य समिति मेंबर होने के बावजूद पार्टी के फैसलों में उन्हें तरजीह नहीं मिली इससे वो नाराज बताए जा रहे हैं. खबरों के मुताबिक टिकट और चुनाव को लेकर कई तरह की सिफारिशें उन्होंने पार्टी आलाकमान से की थी लेकिन उनकी किसी बात को नहीं माना गया.जितिन प्रसाद का परिवार पुरखों से कांग्रेस समर्थक रहा है. उनके दादा ज्योति प्रसाद कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता थे. जितिन के पिता जीतेंद्र प्रसाद खुद कांग्रेस पार्टी में अहम पदों पर रहे. उनके निधन के बाद जितिन प्रसाद ने सिलसिले को आगे बढ़ाया.
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