कावेरी में पानी और कर्जमाफी जैसे मुद्दों को लेकर पिछले 12 मार्च से जंतर-मंतर पर आंदोलन कर रहे तमिलनाडु के किसानों ने विरोध की कई हदें पार की, लेकिन सरकार के कानों पर जू नहीं रेंग रही. विरोध स्परूप इन किसानों ने सांप और चूहों को मुंह में रखा, पीएमओ के सामने नंगे हो गए, जमीन पर रखकर सांभर और दाल खाया, लेकिन तक भी प्रधानमंत्री जी ने इनकी फरियाद नहीं सुनी.

सरकार के हाथो उपेक्षित हो रहे इन किसानों का धैर्य अब जवाब दे रहा है. अब इन्होंने विरोध स्वरूप अपना ही मूत्र पिया.  उन्होंने अपना ही मल खाने की भी धमकी दी है.  इन किसानों ने कल ही चेतावनी दी थी कि अगर इनकी बात नहीं सुनी गई तो ये मूत्र पीने को विवश होंगे. प्लास्टिक की बोतलों में मानव मूत्र लेकर बैठे इन किसानों का कहना है कि हमें तमिलनाडु में पीने को पानी नहीं मिल रहा है. पीएम मोदी हमारी प्यास को नजरअंदाज कर रहे हैं. इसलिए हमारे पास अब अपना ही मूत्र पीने के अलावा कोई चारा नहीं है. उन्होंने ये भी कहा कि अगर उसके बाद भी हमारी बात नहीं सुनी गई, तो हम रविवार को मानव मल खाने की हद भी पार करेंगे.

गौरतलब है कि तमिलनाडु के किसान इन दिनों भयंकर सूखे का सामना कर रहे हैं. किसानों का आरोप है कि आत्महत्या के बढ़ते मामलों के बावजूद सरकार उनकी सुनवाई नहीं कर रही है. वो कर्ज माफी के साथ राहत पैकेज की भी मांग कर रहे हैं. इधर, 13 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में किसानों की आत्महत्या को लेकर राज्य सरकार को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने माना था कि किसानों की हालत वाकई बेहद चिंताजनक है और ऐसी स्थितियों में सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अपने नागरिकों का ख्याल रखे. कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दो हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है.

Adv from Sponsors

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here