VVPAT-EVM की 50 फीसदी पर्चियों के मिलान की मांग सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. 21 विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी, जिसपर EVM के VVPAT पर सवाल खड़ा किया गया था. जिसे शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया. इस याचिका को टीडीपी और कांग्रेस सहित 21 विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में दायर किया था.

इन दलों की मांग थी कि 50 फीसदी वीवीपैट (VVPAT) पर्चियों की ईवीएम से मिलान का आदेश चुनाव आयोग को दिया जाए. सुनवाई के लिए चंद्रबाबू नायडू, डी. राजा, संजय सिंह और फारूक अब्दुल्ला अदालत में मौजूद रहे. याचिका को खारिज करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि अदालत इस मामले को बार-बार क्यों सुने. CJI ने कहा कि वह इस मामले में दखलअंदाजी नहीं करना चाहते हैं.

विपक्ष फिर चुनाव आयोग से करेगा शिकायत

चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि जब चुनाव आयोग ने उनकी बात नहीं सुनी थी तो वह यहां आए, लेकिन अब वह फिर चुनाव आयोग जाएंगे. उन्होंने कहा कि तीसरा फ्रंट और चौथा फ्रंट सभी विपक्ष का ही हिस्सा है, हम पीएम उम्मीदवार का नाम चुनाव के बाद तय करेंगे.आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि दुनिया के 191 देशों में से मात्र 18 देशों ने ईवीएम को अपनाया है, जिनमें से 3 देश 10 सबसे अधिक आबादी वाले देशों में शामिल हैं. नायडू ने चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है और उनमें गड़बड़ी भी पैदा होती है.

अभी तक चुनाव आयोग 4125 ईवीएम और वीवीपैट के मिलान कराता है जो अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बढ़कर 20625 ईवीएम और वीवीपैट (EVM-VVPAT) का मिलान करना होगा. वर्तमान में वीवीपैट पेपर स्लिप मिलान के लिए प्रति विधानसभा क्षेत्र में केवल एक ईवीएम लिया जाता है. एक ईवीएम प्रति विधानसभा क्षेत्र के 4125 ईवीए

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