अखिल भारत हिन्दू महासभा के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से मामले की अर्जेन्सी बताते हुए जल्द सुनवाई की मांग की थी लेकिन कोर्ट ने मांग ठुकरा दी. कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले मे पहले ही आदेश कर चुका है.

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि विवाद पर महज तीन मिनट में मामले की अगली सुनवाई जनवरी 2019 तक टाल दी थी. बता दें कि इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एस.के. कौल और जस्टिस के.एम. जोसेफ़ की पीठ ने की थी. पहले इस मामले की सुनवाई चीफ़ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नज़ीर की पीठ कर रही थी. मामले की सुनवाई किस तारीख से शुरू होगी, इसका फैसला भी जनवरी में ही होगा. सुनवाई हर रोज होगी या नहीं, इस पर भी अभी निर्णय नहीं हुआ है.

जूना अखाड़े का सांकेतिक प्रदर्शन
राम मंदिर निर्माण में देरी से नाराज श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि महाराज ने रविवार को एक दिन का सांकेतिक अनशन किया. उन्होंने ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण को लेकर संत समाज और हिंदुओं के क्रांति करने से पहले ही सरकार को सकरात्मक पहल करनी चाहिए. कहा कि अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए किसी क्रेन की भी जरुरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि वहां पर पत्थर तराशे हुए रखे हैं. संतों के आह्वान पर हिंदू समाज एवं श्रीराम भक्त खुद मंदिर का निर्माण कर लेंगे.

कानून बनाने की मांग
अयोध्या विवाद के हल की उम्मीद अब आपसी सहमति और अदालत से कानून बनाने की मांग पर टिकती जा रही है. मंदिर निर्माण से जुड़ी यह उम्मीद 25 नवंबर को और मुखरित होगी, जब शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे रामनगरी में सभा करेंगे और केंद्र सरकार से मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की मांग करेंगे. इसी तारीख को विहिप के संयोजन में संत-सभा प्रस्तावित है.

Adv from Sponsors

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here