जानिए जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन को लेकर क्या है सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसलाधरना-दर्शन से लगी रोक को हटाने का फैसला किया है. अब लोग जंतर-मंतर पर एक बार फिर से धरना-प्रदर्शन कर सकेंगे. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से इस मामले में 2 हफ़्ते में गाइडलाइंस बनाने के लिए कहा है.
बता दें कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 6 अक्टूबर 2017 को सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार को आदेश दिया था कि वह जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शनों को रोके. एनजीटी के इस आदेश के बाद से जंतर-मंतर पर कोई भी धरना-प्रदर्शन नहीं हो रहा था. एनजीटी ने अपने आदेश में कहा था कि जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शनों से ध्वनि प्रदूषण होता है.
रोक के बाद राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर सालों से जारी धरना-प्रदर्शन अक्टूबर 2017 में शांत हो गया था. अनगिनत आंदोलनों का गवाह रहा जंतर-मंतर मौन हो गया था. हालांकि जंतर मंतर के शांत होने से यहां के लोगों को काफी खुशी हुई थी. क्योंकि प्रदर्शनों की वजह से इन लोगों को काफी परेशानी होती थी. लेकिन इस रोक को हटा लिया गया है, तो जरूर यहां के स्थानीय लोगों को दिक्कतें होगी.
मजदूर किसान शक्ति संगठन और अन्य लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति मांगी थी. जिसमें कहा गया था कि लोगों से शांतिपूर्वक प्रदर्शन का हक नहीं छीना जा रहा है. शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर रोक से लोगों के मौलिक अधिकार का उल्लंघन हो रहा है. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी के फैसले को पलटते हुए जंतर-मंतर पर एक बार फिर से विरोध प्रदर्शन की अनुमति दे दी है.