नई दिल्ली, (राज लक्ष्मी मल्ल) : देश में आय दिन महिलाओं के ऊपर बढ़ते अपराधों को लेकर सुप्रीम कोर्ट एक्शन में आ गया है दरअसल 16 साल की एक लड़की से छेड़छाड़ और उसे आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट कड़े शब्दों में टिप्पड़ी करते हुए पूछा है कि आखिर इस देश में महिलाएं शांति के साथ जी क्यों नहीं सकतीं.
जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविल्कर और जस्टिस एमएम शांतानागौदार की बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए ये टिप्पणी की. ये बेंच उस शख्स की याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसे हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने इस मामले में सात साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखते हुए टिप्पणी की, ” आखिर इस देश में महिला शांति से जी क्यों नहीं सकतीं.”
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा है कि महिलाओं को ज़बरदस्ती किसी से प्यार करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है. ये अधिकार महिला का है कि वो जिससे चाहें उसी से प्यार कर सकती हैं और कोई भी उनको प्यार करने के लिए विवश नहीं कर सकता है. ये बात सभी पुरुषों को समझनी पड़ेगी कि प्यार करने का एक तरीका होता है.
जानिए सुप्रीम कोर्ट के इस टिप्पणी पर महिलाओं की क्या राय है-
जेबा तारिक – सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से दिल्ली, मोतीबाग निवासी नवयुक्ति जेबा जो 22साल की है उनका कहना है कि मै सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से खुश हूँ. अब हमे हमारा हक मिलेगा. हम आज़ाद होंगे और हमारे ऊपर किसी की जोर-जबरजस्ती नही रहेगी. हम अपना साथी अपनी पसंद से चुनेगे, कोई भी हमारे ऊपर रिश्ता नही थोप सकेगा.
रीता शर्मा- गाजियाबाद की रहने वाली महिला जिनकी उम्र 30 साल हैं उन्होंने अपनी राय देते हुए कहा- सुप्रीम ने बिल्कुल ठीक कहा है साथ ही यह महिला सशक्तिकरण लिए बहुत ही अच्छा कदम हैं. इससे महिलाएं जागरुक होंगी और अपने हक़ के लिए लड़ेंगी. जो महिलाएं घरों के अंदर अपने आपको बंद कर के रखती हैं वो भी घर से बाहर निकलेगी और घरेलु हिंसा को रोकने के लिए बढ़ -चढ़ के हिस्सा लेंगी.
अनुराधा – खोड़ा कॉलोनी ने रहने वाली युवती अनुराधा जो 25 साल की है उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट जब हमारे बारे में इतना सोंच रहा है तो पुरुषों को भी ये बात समझनी चाहिए कि किसी से प्यार करने का फैसला सिर्फ हमारा होना चाहिए. ये हम खुद तय करेंगे कि हम किससे प्यार करना चाहते हैं. कोई हमें फोर्स करके हमारा प्यार हासिल नही कर सकता.
वैशाली – नॉएडा की रहने वाली वैशाली भी सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी से काफी खुश हैं. वैशाली ने बताया कि कैसे- कैसे लडको से उनका सामना होता है और वो लड़के कैसे उनको और उनकी सहेलियों को ट्रोल करते है. लड़के उनसे जबरदस्ती दोस्ती करने के लिए कहते है. जब सुप्रीम कोर्ट को ये बात समझ में आ गयी है कि महिलाओं को अपना प्यार चुनने का हक़ होना चाहिए तो लड़कों को भी ये समझना चाहिए की प्यार को थोपा नहीं जा सकता.