भोपाल। पूर्व वन मंत्री उमंग सिंघार के खिलाफ दायर हुई एफआईआर के बाद मामले में नया ट्विस्ट आया है। मृतका सोनिया भारद्वाज के बेटे आर्यन ने इस मामले में उमंग सिंघार को बेकुसूर बताते हुए पुलिस से एफआईआर वापस लेने की मांग की है।
एक निजी चैनल को दिए साक्षात्कार में सोनिया के बेटे आर्यन भारद्वाज ने कहा है कि पुलिस ने बिना किसी सुबूत या शिकायत के उमंग सिंघार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। उन्होंने इस साक्षात्कार के दौरान कहा है कि उनकी मां सोनिया भारद्वाज ने अपने सुसाइड नोट में ऐसी कोई बात नहीं लिखी है, जिसके आधार पर पूर्व मंत्री को उनकी मौत का जिम्मेदार माना जाए। उन्होंने पुलिस से उमंग के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर वापस लेने की मांग की है।
पहले कहा था, होती थी नोंकझोंक
सोनिया की आत्महत्या के बाद पुलिस को दिए बयान में सोनिया के बेटे आर्यन और नौकरों ने माना था कि दोनों के बीच नोंकझोंक होती थी। पुलिस ने सोनिया के पर्स से मिले सुसाइड नोट, नौकरों और सोनिया के बेटे आर्यन के बयानों के आधार पर कार्रवाई की है।
ऐसे चला घटनाक्रम
-सोनिया करीब एक महीने पहले अंबाला से भोपाल आई थीं। वह यहां शाहपुरा स्थित उमंग सिंघार के निजी बंगले बी-238 में रह रही थीं। तीन दिन से उमंग घर पर नहीं थे। इस दौरान बंगले में रहने वाले नौकर ही सोनिया की देखभाल कर रहे थे। रविवार दोपहर करीब 4 बजे सोनिया ने कमरे में फांसी लगा ली।
-शाहपुरा पुलिस ने बंगले में रहने वाले गणेश सिंह की सूचना पर साढ़े 5 बजे प्रारंभिक जांच के बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। सोनिया के पर्स से एक सुसाइड नोट मिला था। इसमें सोनिया ने सिंघार पर बहुत ज्यादा गुस्सा करने की बात कहते लिखा था कि अब वह सहन नहीं कर सकती। नोट में सोनिया ने परेशान होने को लेकर कई बातें लिखी थीं। इस दौरान सिंघार के नाम का जिक्र भी कई बार किया था।
-उमंग सिंघार कांग्रेस के आदिवासी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री जमुनादेवी के भतीजे हैं। वे ही जमुनादेवी का पूरा काम संभालते थे। गंधवानी विधानसभा सीट बनने के बाद ही सिंघार लगातार तीन बार से विधायक हैं। सिंघार की धार, झाबुआ समेत अन्य आदिवासी क्षेत्रों में अच्छी पकड़ है। उनके घर पर महिला के फांसी लगाने के बाद से ही राजनीति शुरू हो गई थी। इसे देखते हुए गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पुलिस को सभी के बयान शाम तक पूर करने की बात कही थी।
-हालांकि कांग्रेस के नेता इस पर प्रक्रिया देने से बचते नजर आए। इधर, दोपहर में आर्यन के उनके खिलाफ कुछ नहीं कहने के कारण सिंघार ने भी सरकार पर निशाना साधने में देरी नहीं की। आर्यन के मीडिया को बयान देने के बाद सिंघार ने इस सरकार की राजनीति करार दिया। उनके बयान के कुछ घंटों बाद ही पुलिस ने एफआईआर कर दी।
इससे बढ़ी सिंघार की मुश्किल
-पुलिस ने इस मामले में सिंघार को आरोपी बनाने के लिए सोनिया का उनके घर में फांसी लगाना, सुसाइड नोट में उनके नाम का जिक्र करने के साथ सिंघार के नौकर का सिंघार और सोनिया के बीच अनबन होने की बात को आधार बनाया। इतना ही नहीं पुलिस ने इस मामले में अब आर्यन और उनकी मां के भी सिंघार के खिलाफ बयान देने की बात कर रही है।
-पुलिस ने दावा किया है कि सोनिया के मोबाइल के व्हाटसअप चैट में मिले मैसेज में उन्होंने लिखा है कि कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार और उनके बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था। वे लगातार मानसिक प्रताडऩा झेल रही थीं। वह लिखती हैं कि शादी के नाम पर उसे अब तक रोका जा रहा है। वह इसके कारण काफी तनाव में है।
सियासत के शिकार तो नहीं सिंघार
मध्यप्रदेश सरकार में वनमंत्री रहे उमंग सिंघार करीब दो साल पहले सुर्खियों में आए थे। उन्होंने पार्टी के खिलाफ ही मोर्चा खोलते हुए कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह देश में ध्रुवीकरण कर रहे हैं। वे कमलनाथ सरकार को ब्लैकमेल करते हैं। दिग्विजय आखिर कांग्रेस को कब तक डराएंगे। 10 साल तक मुख्यमंत्री रहे हैं। कांग्रेस फिर से सत्ता में आई तो मलाई काटने क्यों आ गए।
दिग्विजय चुनिंदा विधायक और मंत्री के नाम पर ब्लैकमेल कर रहे हैं। इसके अलावा सिंघार ने अपनी ही पार्टी के बड़े नेताओं को घेरते हुए कहा था कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आज तक कांग्रेस में अनेक नेताओं, कार्यकर्ताओं एवं नेहरू गांधी परिवार का कुर्बानी का इतिहास रहा है, लेकिन कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए युवा नेतृत्व एवं देश की सबसे पुरानी पार्टी को कुर्बान करने पर लगे हैं।