कनाडा में पढ़ने वाले भारतीयों के लिए अच्छी खबर है. अब भारतीय छात्र 45 दिनों में ही स्टूडेंट वीजा पा सकेंगे, जिसके लिए पहले 60 दिनों का समय लगता था. हालांकि इसके साथ शर्त यह है कि स्टूडेंट्स को पहले बताना होगा कि उनके पास पर्याप्त वित्तीय संसाधन और लैंग्वेज स्किल्स हैं. इसके बाद ही वे एसडीएस प्रोग्राम के तहत कनाडा में पढ़ाई करने के लायक बन सकेंगे. कनाडा के आव्रजन विभाग ने इसे लेकर कहा है कि इमिग्रेशन, रिफ्यूजीज एंड सिटीजनशिप कनाडा (आईआरसीसी) के एक बयान के मुताबिक, इससे पहले स्टूडेंट्स पार्टनर्स प्रोग्राम (एसपीपी) के तहत वीजा पाने की प्रक्रिया थोड़ी लंबी थी. इसके लिए दस्तावेज भी ज्यादा लगते थे. लेकिन अभी इनसब को आसान बनाया जा रहा है.
कनाडा में पिछले महीने लागू हुए एसडीएस प्रोग्राम के तहत स्टूडेंट्स सभी डेजिग्नेटेड लर्निंग इंस्टीट्यूट्स में कॉलेज स्तर की शिक्षा पा सकेंगे. पहले कनाडा के चालीस से अधिक कॉलेजों में पढ़ाई के लिए ही वीजा मिलता था. कनाडा सरकार द्वारा राहत की यह घोषणा ऐसे समय में की गई है, जब ब्रिटिश सरकार ने भारतीय स्टूडेंट्स को वीजा के आसान नियमों के दायरे से बाहर कर दिया है. ब्रिटेन और अमेरिका में संरक्षणवाद बढ़ रहा है, ऐसे समय में कनाडा जाने वाले भारतीय स्टूडेंट्स की संख्या लगातार बढ़ रही है. कनाडा ने 2017 में 83,410 भारतीयों को स्टूडेंट वीजा दिया था. यह इससे पिछले साल की तुलना में 58 फीसदी अधिक है.
गौरतलब है कि भारत और कनाडा ने 2010 में स्टूडेंट्स और फैकल्टी एक्सचेंज, रिसर्च और करिकुलम डेवलपमेंट, एक-दूसरे के एजुकेशनल क्वालिफिकेशंस को मान्यता देने जैसे कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे. कनाडा में फिलहाल एक लाख से ज्यादा भारतीय स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं. दोनों देशों के बीच शिक्षा द्विपक्षीय सहयोग का एक प्रमुख क्षेत्र है. नए नियमों से जिन देशों को लाभ मिलेगा, उनमें भारत के अलावा दो और देश शामिल हैं. कनाडा ने भारत के अलावा चीन, वियतनाम और फिलीपींस के छात्रों के लिए भी वीजा नियमों में ढील दी है.