भोपाल। कोविड को लेकर सरकार गंभीर है, सरकारी महकमों से इसके लिए गंभीरता की उम्मीद की जा रही है, जरूरत के लिहाज से सक्रियता बरतने, जागरुकता फैलाने और नियमों का पालन कराने की ताकीद की जा रही है। इसके विपरीत सरकारी कर्मचारी अपनी मस्ती में मस्त कोविड को लेकर बनाए गए सरकारी व्हाट्सअप गु्रप में धर्मांधता फैलाने के लिए आपत्तिजनक मैसेज शेयर कर रहे हैं। कर्मचारी की इस गलती को दबाने की कोशिश में लगे अधिकारियों ने उसके दी हुई इस सफाई को भी स्वीकार कर लिया कि मैसेज उसने नहीं, बल्कि उसकी पोती ने गलती से शेयर कर दिया है।
मामला धार जिले के उमरबन ब्लॉक का है। यहां स्थित कृषि विभाग के स्थानीय कार्यालय ने कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए एक व्हाट्सअप ग्रुप बनाया है। जिले के तमाम वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इसमें कर्मचारियों को भी शामिल किया गया है। उद्देश्य यह था कि पूरे जिले में चल रही कोविड रोकथाम की गतिविधियों को एक-दूसरे से शेयर किया जा सके और अधिकारियों तक इसकी सूचना तत्काल पहुंच जाए। लेकिन सूत्रों का कहना है कि ग्रुप में शामिल कृषि विभाग के ग्रामसेवक नयन सिंह सोलंकी ने गु्रप में अपने मोबाइल नंबर 9926930514 से एक पोस्ट शेयर की, जिसमें उन्होंने इस्लाम धर्म से जुड़ी पवित्र पुस्तक कुरआन और इसमें दिए गए संदेश को लेकर मखौल भी उड़ाया और इसमें लिखी बातों की गलत व्याख्या भी की है।
अधिकारी जुटे बचाने में
मामले को लेकर जब आपत्ति उठाई जाने लगी और नयन सिंह सोलंकी का यह मैसेज सरकारी ग्रुप से निकलकर क्षेत्र के अन्य ग्रुपों में लहराने लगा तो क्षेत्रीय अधिकारियों ने आनन-फानन में एक कारण बताओ नोटिस देकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली। इस नोटिस के जवाब में नयन सिंह ने मैसेज को गलती से उनकी पोती द्वारा ग्रुप में पोस्ट कर दिया जाना बताया। जवाब से संतुष्ट न होने के आधार पर अधिकारियों ने इस मामले को लेकर नयन को महज निलंबन की सजा दी है। जबकि उसके खिलाफ धर्म विशेष के खिलाफ टिप्पणी करने और धार्मिक भावनाओं को भड़काने का आपराधिक मामला दर्ज कराने से वे कतराते नजर आ रहे हैं।
उलेमा बोर्ड ने जताई नाराजगी
मामले को लेकर ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने सख्त एतराज जताया है। बोर्ड के अध्यक्ष काजी सैयद अनस अली नदवी ने कहा है कि सरकारी विभागों में कार्यरत कर्मचारियों का किसी धर्म को लेकर यह रवैया ठीक नहीं है। ऐसे लोग आगे चलकर सरकारी योजनाओं और अन्य लाभकारी कामों के लिए भी धर्म का बंधन रखकर काम करेंगे, इसकी उम्मीद की जा सकती है। काजी अनस ने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही होना चाहिए कि भविष्य में कोई सरकारी कर्मचारी या सामान्य व्यक्ति किसी धर्म के खिलाफ ऐसे आपत्तिजनक प्रचार से बचे। एपीजे कलाम सेंटर के जावेद बेग ने कहा कि इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया जाएगा और कर्मचारी की सेवाएं समाप्त करने का निवेदन किया जाएगा। ऐसे कर्मचारी सरकार की छवि भी धूमिल कर रहे हैं।