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माननीय भागवत जी !
चर्चा है आप मिथुन चक्रवर्ती को बंगाल की राजनीति में लाना चाहते हैं? जबकि आज तक हुए हर दल के ऐसे प्रयोगों से ये सिद्ध हो गया है कि फ़िल्मी सितारे राजनीति में असफल रहे हैं , कुछ अपवादों को छोड़कर। इनको थोपने से संगठन व दल में निराशा फैलती है।
ऐसे आयातित नेता कभी ज़मीन से नहीं जुड़ पाते।क्षेत्र में उनकी गुमशुदी के पोस्टर लगते हैं।
फिर क्यों नहीं आप अपने संगठन या दल के उन कार्यकर्ताओं को ही आगे बढ़ाते जिन्होंने जीवन भर आपके लिये समर्पित भाव से काम किया है ? उनका वैचारिक आधार भी होता है और संगठन के प्रति निष्ठा भी ।
लोग आपसे प्रश्न करेंगे कि गत सौ वर्षों में क्या संघ देश और धर्म के प्रति योग्य व समर्पित नेतृत्व तक नहीं खड़ा कर पाया जो आज आपको ऐसे लोगों की बैसाखियों की जरूरत पड़ती है जो नक्सलवाद से अपना जीवन शुरू करके, तृणमूल पार्टी के रास्ते भाजपा में लाये जा रहे हैं ?
वैसे मेरा भी एक प्रश्न तीन वर्षों से आपके पास अनुत्तरित है;
आप जानते हैं कि गत तीस वर्षों से मैं सनातन धर्म के लिए डंके की चोट पर खड़ा रहा हूँ । देश में राजनीतिक और न्यायपालिका के सर्वोच्च शिखर पर व्याप्त भ्रष्टाचार से अकेले लम्बा संघर्ष किया है। संत प्रेरणा और आदेश से गत 18 वर्षों से दिन रात ब्रज के जंगलों और गावों में खुद खड़े रहकर भगवान की लीलास्थलीयों को किस भावना और श्रद्धा से सजाया है ये स्वयमसिद्ध है, आज सबको दिखता है। ब्रज फ़ाउंडेशन ने ये सारा सेवा कार्य मात्र 23 करोड़ रुपए में किया है । वो भी किसी सरकार से लेकर नहीं। फिर क्यों आपके ही लोगों ने (बिना किसी प्रमाण के ) हमारे विरूद्ध झूठे आरोपों का ताना बाना बुनकर हमें ब्रज सेवा से तीन बरस से रुकवा रखा है ?
इन्हें हमसे क्या डर है ?
पर आप सब जानकर और सुनकर भी मौन क्यों हैं ? क्या ये माना जाय कि देश व धर्म के लिए जीवन खपाने वाले चाहें आपके संगठन में हों या बाहर- आपकी दृष्टि में उनका न कोई महत्व है न भूमिका ?
दुख होता है ये देखकर कि अयोध्या ढाँचे के विध्वंस पर सरेआम आपके संगठनों को TADA में बंद करने की सार्वजनिक माँग करने वाले और मस्जिद दुबारा बनवाने की माँग करने वाले तो आज आपके साथ खड़े हैं और जिसने तब के माहौल में भी रामजन्म भूमि के लिये अपने साधनों से कालचक्र की टीवी रिपोर्ट बना-बना कर रामजन्मभूमि आंदोलन को बढ़ाने में उत्साह से सहयोग किया और फिर श्रीकृष्ण की भूमि भी सजाकर दिखा दी, उसे आपने अपराधी बनाकर कठघरे में खड़ा कर दिया ? ये कैसा राष्ट्रवाद है , ये कैसा हिंदुत्व है ?
विनीत नारायण
द ब्रज फ़ाउंडेशन,वृंदावन