सूबे के मुखिया नीतीश कुमार गांवों को स्मार्ट बनाने के लिए सात निश्चय योजना के तहत पूरे बिहार की यात्रा कर रहे हैं. वे निश्चय यात्रा के साथ चेतना सभा का आयोजन कर लोगों की राय भी ले रहे हैं, ताकि बिहार के विकास में सबकी सहभागिता संभव हो सके. वहीं जमीनी हालात पर नजर डालें तो अधिकारियों की लालफीताशाही के कारण जनहित के कार्य भी अधूरे पड़े रह जाते हैं. हालात ऐसे हैं कि जब कोई उद्यमी जनहित कार्य करना चाहता है, तब अधिकारीगण इन कार्यों में अड़ंगा लगाने पर आमादा हो जाते हैं. कभी-कभी भलाई किस तरह मुसीबत बन जाती है, इस रिपोटर्र् ने उसे चरितार्थ किया है.
रोहतास जिला के अंतर्गत नोखा प्रखंड के हथिनी पंचायत में कुछ ऐसा ही मामला सामने आया. गांव के ही कुछ लोगों ने पूरे पंचायत को रौशन करने समेत दो अन्य विकास कार्यों को धरातल पर उतारने की कोशिश की. नोखा प्रखंड के बीडीओ ने आनन-फानन में 15 दिन पूर्व बिना किसी लिखित सूचना या नोटिस के इन कार्यों को बंद करा दिया.
इतना ही नहीं, विकास कार्यों की पहल करने वाले रूपहथां गांव के रविशंकर तिवारी के घर में ताला जड़ कार्यालय को भी सील कर दिया. इसके बाद से ही सोलर लाइट का कार्य बाधित है. ग्रामीणों के एक शिष्टमंडल ने बीडीओ से मिलकर इस संदर्भ में बात करने की कोशिश की, तो उनकी बातों को सुनने की बजाय वे उन पर ही नाराज हो गए.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, रोहतास जिला के नोखा प्रखंड के हथिनी पंचायत के रूपहथां गांव के निवासी कमलेश कुमार सोलर लाइट के बड़े व्यवसायी हैं. वे देश भर के कई राज्यों के ग्रामीण इलाकों में सोलर सिस्टम लगाने के लिए भारत सरकार के विज्ञान और तकनीकी मंत्रालय द्वारा अधिकृत किए गए हैं. इस योजना के तहत अभी उनकी फर्म ओडीशा, झारखंड, आंध्रप्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में सोलर लाइट लगाने की योजना पर काम कर रही है. इसी क्रम में कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी के तहत उन्होंने अपने पंचायत-गांव को रौशन करने की योजना बनायी.
इस योजना को भारत सरकार के विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालय के एक उपक्रम सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के तहत नोखा प्रखंड के हथिनी पंचायत के गांवों के प्रत्येक घरों को निशुल्क सोलर सिस्टम से लैस करने का प्रोजेक्ट तैयार किया. पहले फेज में हथिनी पंचायत के 7 गांवों के 1050 घरों में सोलर लाइट लगाने की योजना को मूर्तरूप देना शुरू किया. पंचायत के हथिनी और रूपहथां गांवों में तो सौ प्रतिशत घरों में सोलर लाइट लगा दिया गया है. इसके अलावा पंचायत के रिपुपुर बाद, फरीदपुर, नावाडीह, तिलई गांवों में भी कुछ घरों को लाइट से लैस कर दिया गया है.
इस योजना की खास बात यह है कि इस योजना में सभी वर्गों के लोगों को बिना किसी भेदभाव के शामिल किया गया है. लेकिन यह विकास कार्य स्थानीय मुखिया को रास नहीं आया और उन्होंने कुछ ग्रामीणों के फर्जी हस्ताक्षर कराकर बीडीओ से इसकी शिकायत कर दी. इसके बाद स्थानीय विधायक सह सूबे के मंत्री को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की गई..
हैरत की बात तो यह है कि किसी कॉरपोरेट सेक्टर द्वारा कराए जा रहे विकास कार्य पर बीडीओ ने एक लिखित सूचना तक नहीं दिया. बिना कोई स्पष्टीकरण लिए बीडीओ ने वितरण बंद करने का आदेश जारी करते हुए घर को सील कर दिया. इसी बीच मामले ने तूल पकड़ लिया.
बीडीओ के एकतरफा फैसले लेने को पंचायत के लोगों ने चुनौती देते हुए आंदोलन करने की चेतावनी दी. कंपनी के वरीय अधिकारियों ने भी रोहतास के जिलाधिकारी अनिमेश कुमार पाराशर से संपर्क किया. उन्होंेने बीडीओ द्वारा बंद कराए गए विकास कार्य की जानकारी दी तो डीएम ने खेद प्रकट किया. उन्होंने बीडीओ को तत्काल ताला खोलने एवं इस कार्य में पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया.
इस कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर बीडीओ धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि प्रखंड का मालिक बीडीओ होता है. बिना उनकी इजाजत के कोई, कैसे और किस आधार पर सोलर लाइट बांट सकता है. संबंधित कागजात देखने और पूरी जांच करने के बाद ही अगली कार्रवाई की जाएगी. लिखित शिकायत मिलने के बाद ही कार्रवाई की गई. हालांकि, डीएम के निर्देश के बाद बीडीओ की बोली पूरी तरह से बदल गई है. उसने न सिर्फ ताला खोल दिया है, बल्कि अपने स्तर पर सहयोग का आश्वासन भी कंपनी के प्रतिनिधियों को दिया है. हालांकि पर्यटन मंत्री अनिता चौधरी ने इस संबंध में एसडीओ को जांच करने का निर्देश दिया है.
जब मंत्री से इस बारे में बातचीत की गई, तो उन्होंने कहा कि यदि गरीबों, पिछड़ों एवं अन्य सभी वर्गों के लिए यह एकसमान योजना है तो फिर इस तरह के समाजसेवियों को तो भरपूर प्रोत्साहन देना चाहिए, ताकि अपने गांव-जिला के साथ राज्य के विकास में ऐसे लोग और अधिक योगदान दे सकें. डीएम के हस्तक्षेप के बाद जब सोलर लाइट वितरण का कार्य दोबारा शुरू हुआ, तो हथिनी पंचायत के करीब 1500 लोगों ने एक हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन सौंपकर बधाई दी. उन्होंने कार्य शुरू कराने के लिए प्रशासन का आभार व्यक्त किया.
वहीं सूर्या इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड के प्रबंधक रविशंकर तिवारी ने बताया कि भारत सरकार द्वारा समर्थित इस योजना के तहत कई गांवों को सोलर लाइट से लैस करने की योेजना पर काम किया गया, जिसमें सभी घरों में निशुल्क सोलर सिस्टम दिया गया है. गांव में पांच बिघा खेत पर सोलर पंप द्वारा खेती कराने की योजना भी सरकार से पास हो गयी है. इसके अलावा एक और गांव को गोद लेकर वहां बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने संबंधी योजना का प्रस्ताव विचाराधीन है.
अधिकारियों के रवैये और उनके नकारात्मक रूख से काफी निराशा होती है. इन परिस्थितियों में भला कौन अपने गांव, पंचायत या राज्य के विकास में हाथ बंटाना चाहेगा. सरकार और उनकी मशीनरी को ऐसी योजनाओं के लिए आगे आकर सहयोग करना चाहिए. सोलर लाइट हो या अन्य कोई योजना इन सभी योजनाओं का लाभ तो आखिरकार जनता को ही मिलता है. सवाल उन अधिकारियों की मानसिकता को लेकर है, जो न तो खुद कुछ करते हैं और न दूसरों को करने देते हैं.