भाजपा के नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने राजनीति में कूच करने की घोषणा कर चुके अपने दोस्तों कमल हासन और रजनीकांत को सलाह दी है. शत्रुघ्न ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि उन्होंने राजनीति में प्रवेश करने से पहले अपने राजनीतिक आधार पर काफी सोच-विचार किया होगा. हालांकि मुझे ऐसा लगता तो नहीं है. उम्मीद है कि मैं गलत हूं क्योंकि राजनीति कोई आसान काम नहीं है.’ उन्होंने कहा, “अभिनेता ग्लैमर की दुनिया से आते हैं. वे ग्लैमर के आदी हैं. राजनीति में बहुत ताकत है और ताकत बेहद ग्लैमरस है. अभिनेता अपना ग्लैमर और प्रसिद्धि बढ़ाने की उम्मीद से राजनीति में आते हैं.’ उन्होंने कहा कि लेकिन सच्चाई यह है कि राजनीति उम्मीदों से परे है.
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, “रजनीकांत और कमल हासन को यह तय करना होगा कि वे राजनीति में क्यों आना चाहते हैं. रजनीकांत क्यों? यहां तक कि कमल हासन भी मेरा बहुत अच्छा दोस्त है. राजनीति में उतरने से पहले उन्होंने कभी मेरी सलाह नहीं मांगी.” उन्होंने कहा, “मेरी पार्टी में मेरे साथ किस तरह का व्यवहार किया जा रहा है, उसे देखिए. मुझे बताया गया था कि मुझे कैबिनेट पद दिया जाएगा लेकिन इसके बजाए एक टीवी अभिनेत्री को कैबिनेट पद दिया गया. मेरे साथ भेदभाव किया गया, मेरा अपमान किया गया. हम कलाकारों को भीड़ खींचने के लिए राजनीति में लाया जाता है लेकिन जब हम उस भीड़ को पार्टी से जोड़ देते हैं तो पार्टी हमारी लोकप्रियता देखकर खुद को असुरक्षित महसूस करती है. यह बहुत ही पेचीदी स्थिति है.”
यह पूछने पर कि क्या रजनीकांत ने राजनीति में कदम रखने को लेकर उनकी सलाह ली थी? उन्होंने कहा, “नहीं, रजनी ने मुझसे सलाह नहीं ली. अगर वह मुझसे इस बारे में पूछते तो मैं इसके विपरीत सलाह देता. देखो, यह आसान होने वाली नहीं है. तमिलनाडु की राजनीति में एम.के स्टालिन का आधार काफी मजबूत है. उन्होंने लोगों के लिए बहुत काम किया है. रजनी स्टालिन की साख को नकार नहीं सकते और हम सिर्फ रजनी के बारे में ही क्यों बात कर रहे हैं? के पास बहुत मजबूत शक्ति-आधार है. उन्होंने लोगों के लिए बहुत कुछ किया है. रजनी स्टालिन के पद को नजरअंदाज नहीं कर सकते.’
शत्रुघ्न का मानना है कि मतदाताओं को यह समझाना आसान नहीं है कि आप एक अभिनेता हैं इसलिए आप एक सक्षम नेता भी बन सकते हैं. उन्होंने कहा, “रजनी ‘आध्यात्मिक राजनीति’ पर बोलते हैं. ऐसे समय में जब घोटालेबाज देश का अरबों रुपयों लेकर विदेश भाग रहे हैं, आप आध्यात्मिकता से राजनीति नहीं बदल सकते.”