दुनिया के हर एक मंच पर मुंह की खाने के बावजूद पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. अब उसने सर्बिया की राजधानी बेलग्रेड में आयोजित एशियाई संसदीय सभा (एपीए) में कश्मीर का रोना रोया. हालांकि वहां मौजूद कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पाकिस्तान की बखिया उधेड़ दी. थरूर ने कहा कि पाकिस्तान भारत के आंतरिक मामले का संदर्भ देकर मंच के राजनीतिकरण का प्रयास कर रहा है.
सूत्रों ने कहा कि अंतर संसदीय संघ की वार्षिक बैठक से इतर एशियाई संसदीय सभा में थरूर ने पाकिस्तानी सीनेट के अध्यक्ष के एक पत्र की निंदा की जिसमें उन्होंने पाकिस्तान द्वारा दिसंबर 2019 में तय एपीए पूर्ण सत्र की मेजबानी करने में नाकामी के लिये जम्मू कश्मीर की गतिविधियों को जिम्मेदार बताया.
थरूर ने पाकिस्तान की सीनेट के अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने भारत के आंतरिक मामले का संदर्भ “अनावश्यक रूप से सभा के राजनीतिकरण के लिये किया.” पूर्व विदेश राज्य मंत्री थरूर ने कहा, “जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. जम्मू कश्मीर की स्थिति में ऐसा कुछ भी नहीं जो किसी भी रूप में उनके देश में रहने और काम करने की स्थिति को प्रभावित करे, इस्लामाबाद की तो बात ही छोड़िये.”
थरूर ने कहा, “भारत के आंतरिक मामले उसकी सीमाओं से बाहर नहीं जाते और पड़ोसियों को प्रभावित नहीं करते.” उन्होंने कहा, “इस परिस्थिति में यह दुर्भाग्यपूर्ण और हैरान करने वाला है कि वह यह उम्मीद करते हैं कि यह गरिमापूर्ण सभा दिसंबर 2019 में एपीए के पूर्ण सत्र की मेजबानी करने की अक्षमता या अनिच्छा के लिये इस तरह के बहाने को स्वीकार करेगी.”
पाकिस्तान ने कई बहुपक्षीय बैठकों के दौरान कश्मीर का मुद्दा उठाने की कोशिश की लेकिन भारत ने उसके प्रयासों को नाकाम कर दिया. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के नेतृत्व में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल 13 से 17 अक्टूबर को सर्बिया में होने वाली अंतर संसदीय संघ (आईपीयू) की 141वीं सभा में भाग लेने के लिये बेल्ग्रेड में है.
सचिवालय ने कहा कि भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल में थरूर, कनिमोई, वानसुक सीयम, राम कुमार वर्मा और सस्मित पात्रा समेत कई दलों के सांसद शामिल हैं.
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने इस तरह के सम्मेलन में कश्मीर को लेकर झूठ बोला है. इससे पहले युगांडा में कॉमनवेल्थ संसदीय सम्मेलन में कश्मीर मुद्दा उठाया था. इससे पहले पाकिस्तान ने दक्षिण एशियाई स्पीकर सम्मेलन में भी कश्मीर को लेकर भड़काऊ बयान दिया था. दोनों ही सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधियों ने पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की थी.