भोपाल। बढ़ती मंहगाई और बेचैनी से छटपटाता इंसान सरकार को नजर नहीं आता। अपने परिवार को दो वक्त की रोटी उपलब्ध नहीं करा पता गरीब मजबूर व्यक्ति सरकार को नजर नहीं आता। अपने और परिवार के भविष्य को लेकर चिंतित मध्यम वर्गीय भी सरकार को नजर नहीं आता। उसको नजर आता है अपने अधिकार की आवाज उठाता व्यक्ति। उसको आंदोलनकारी भी मान लिया जाता है और सरकार के काम में हस्तक्षेप करने वाला भी करार दे दिया जाता है। दिनोदिन बदल रहे हालात लोकतंत्र की परिधि से फिसलकर तानाशाही की तरफ बढ़ रहे हैं। जल्दी इनपर काबू नहीं पाया गया तो आने वाले दिनों में बोलने की आजादी आम इंसान से दूर होगी और सरकारें अपनी मनमानी करने के लिए आजाद।

मप्र कांग्रेस कमेटी के महासचिव चौधरी वाहिद अली ने कहा कि जिस तेजी से मंहगाई बढ़ रही है, उसकी तुलना में कमाई के जरिए लगातार नीचे की तरफ ढलक रहे हैं। कमाई और मंहगाई का ये असंतुलित पैमाना आम इंसान के लिए मुश्किल भरा साबित हो रहा है। लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार ने बोलने और अपना हक मांगने की आजादी पर तालाबंदी कर दी है। किसी भी जन विरोधी बात के लिए मोर्चा खड़ा करना अब अपराध हो गया है। वाहिद ने शनिवार को निकाली गई साइकिल रैली के बाद विधायक आरिफ मसूद, युवक कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत भूरिया और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी को गैर लोकतांत्रिक करार दिया है। उन्होंने कहा कि अपने अधिकार के लिए आमजन सरकार से ही आस लगाती है, इसके लिए उसको कटघरे में खड़ा करना न्यायसंगत नहीं कहा जा सकता। चौधरी वाहिद ने कहा कि सरकार जन भावनाओं को समझें और उनके हित के फैसले तय करें। ताकि लोगों को सड़क पर आकर अपना अधिकार न मांगना पड़े।

धार्मिक स्थलों से हटे पाबंदी
चौधरी वाहिद ने कहा कि दुनिया में जब हर कोशिश नाकाम होने लगती है तो आखिरी रास्ता अल्लाह और ईश्वर का दिखाई देता है लेकिन महामारी के इस दौर में लंबे समय से मस्जिद और मंदिर सहित धार्मिक स्थलों के रास्ते रुके हुए हैं। इस बात को कैसे स्वीकार किया जा सकता है कि संक्रमण का सारा खतरा धार्मिक स्थलों से ही होने वाला है। चौधरी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की है कि धार्मिक स्थलों पर लगे प्रतिबंध तत्काल हटाए जाएं। उन्होंने ईद उल अजहा के लिए प्रदेशभर की सभी ईदगाह में नमाज अदा करने की इजाजत देने की मांग की है। साथ ही शहर के मुहल्लों की मस्जिदों में भी 100 से ज्यादा लोगों को ईद की नमाज अदा करने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में अन्य बड़े त्यौहार भी आने वाले हैं, जिसके लिहाज से मंदिरों के पट भी खोले जाना चाहिए।

इस त्योहार रखें खयाल कि ,किसी की परेशानी न बढ़े
चौधरी वाहिद अली ने सभी धर्मावलंबियों से अपील की है कि त्यौहार के जोश में इस बात का ध्यान जरूर रखें कि हमारी वजह से किसी की धार्मिक आस्थाएं आहत न हों, शहरवासियों को किसी मुश्किल का सामना न करना पड़े, यहां की सुंदरता, स्वच्छता और सौहाद्र की स्थिति बरकरार रहे।

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