एक तरफ उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार प्रदेश में पुनर्वापसी की तैयारी में जोर-शोर से जुटी है. सरकार की उपलब्धियों के तमाम बखान हो रहे हैं और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता और नेता साइकिल से जनसंदेश यात्रा निकाल कर पसीना बहा रहे हैं. लेकिन पार्टी से ही जुड़े आम कार्यकर्ताओं के सम्मान को सरेआम रौंदा जा रहा है, इस पर नेताओं का कोई ध्यान नहीं है. वाकया मीरजापुर जिले में पड़री थाना क्षेत्र के बेलवन गांव का है. गांव निवासी तथा समाजवादी पार्टी के बुजुर्ग नेता गिरीश चंद्र पांडेय की बिटिया की शादी 29 अप्रैल को होनी थी. बारात आ चुकी थी. सब लोग बारातियों के आवभगत में लगे थे कि पड़री थाने का दारोगा देवचन्द्र दो सिपाहियों के साथ विवाह स्थल पर आ धमका और यह कहते हुए लोगों को स्तब्ध कर दिया कि गिरीश पांडेय की बिटिया नाबालिग है.
दारोगा ने सपा नेता की बिटिया को थाने ले जाने की जिद ठान दी. सपा नेता ने दारोगा को लड़की की पंजीकृत उम्र और सामाजिक मार्यादा का हवाला दिया लेकिन दारोगा मानने को तैयार नहीं था. लड़की की उम्र की तस्दीक करने वाले हाई स्कूल का प्रमाण पत्र देखने के बावजूद दारोगा ने गिरीश चंद्र पांडेय और उनके परिवार की प्रतिष्ठा का पूरा हनन किया. दारोगा ने रात में ही वह स्कूल खुलवाया, जहां से लड़की ने शिक्षा ग्रहण की थी. स्कूल में सारे रिकार्ड दुरुस्त पाए जाने के बाद ही दारोगा वापस लौटा. लेकिन दारोगा जो एजेंडा लेकर आया था, उसे पूरा कर गया. दारोगा की इस सार्वजनिक गुंडागर्दी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई.
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पुलिस ने इतना ही बताया कि किसी ने फोन पर लड़की के नाबालिग होने की सूचना दी थी. इसी पर दारोगा गुंडई के तेवर में आ गए. इस घटना से स्थानीय लोग स्तब्ध हैं. उन्हें प्रदेश की कानून व्यवस्था के ऐसे स्वरूप की कोई कल्पना ही नहीं थी. सपा नेता ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, कृषि मंत्री मनोज पांडेय, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष के साथ-साथ मीरजापुर के पुलिस अधीक्षक व सपा के जिलाध्यक्ष को इस घटना की सूचना दी. लेकिन मामूली नेता की सत्ता-हनक के आगे क्या औकात है. पुलिस अधीक्षक अरविंद सेन बेलाग झूठ बोलते हैं और कहते हैं कि यह मामला उनके संज्ञान में ही नहीं है, फिर कहते हैं कि जांच कराई जा रही है. कानून के इस हाल से आजिज और अपमानित सपा नेता ने आत्मदाह कर लेने की धमकी दी है. मर्माहत गिरीश चंद्र पांडेय कहते हैं कि उन्हें सोची समझी साजिश का शिकार बनाया गया है. यही वजह है कि पुलिस ने गलत सूचना देने वाले के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. पांडेय कहते हैं कि न्याय नहीं मिला तो मैं पार्टी कार्यालय के सामने ही आत्मदाह कर लूंगा.