पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने तालिबानी आंतकियों को सामान्य नागरिक बताया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अमेरिका ने अफगानिस्तान में घुसकर सब गड़बड़ कर दिया। दरअसल, प्रधानमंत्री से पूछा गया कि एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि करीब 10, 000 पाकिस्तानी लड़ाकू सीमा पार कर तालिबान की मदद करने गए हैं? इसपर इमरान खान नाराज हो गए और बोले कि यह बिल्कुल गलत बात है, वो हमें इस बात का सबूत क्यों नहीं देते हैं? प्रधानमंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान की समस्या का समाधान युद्ध नहीं बल्कि राजनीतिक समझौते से संभव है।
अमेरिका ने अफगानिस्तान में चीजें अस्त-व्यस्त कर दी
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक इंटरव्यू में कहा कि अमेरिका ने अफगानिस्तान में चीजें अस्त-व्यस्त कर दी हैं। उन्होंने कहा कि यह सच है कि तालिबान ने 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान पर क्रूर शासन किया था। इसके बाद अमेरिका के चलते उसे सत्ता छोड़ना पड़ा था, लेकिन 2001 के बाद अमेरिका यहां डेरा डाल दिया, जिसके बाद यहां पर सब चीज़ें बर्बाद हो गई। प्रधानमंत्री ने कहा कि अमेरिका को बहुत पहले ही राजनीक समाधान का विकल्प चुनना चाहिए था।
राष्ट्रपति के एलान के बाद अफगान से लौट रही अमेरिकी सेना
बता दें कि 11 सितंबर 2001 को अमेरिका पर आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में करीब तीन हजार लोगों की मौत हुई थी । अलकायदा के आतंकियों ने इस हमले को अंजाम दिया था। तालिबान द्वारा अल-कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को सौंपने से इनकार करने के बाद अक्टूबर, 2001 में अमेरिका ने अफगानिस्तान पर हमला किया था। हालांकि, हाल ही में राष्ट्रपति जो बाइडेन के एलान के बाद अमेरिकी सेना धीरे-धीरे अफगानिस्तान से लौटने लगी है।
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा काउंसिल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन के 6000 लड़ाके तालिबान की ओर से अफगानिस्तान में लड़ रहे हैं। इससे अफगानिस्तान के हालात और खराब हो रहे हैं। हालांकि, इमरान इससे इनकार करते हैं।