कहते हैं कि शादी एक ऐसा लड्डू है कि जो खाए वह भी पछताए जो न खाए वह भी, लेकिन अगर आपने एक बार इसे खाने का फैसला कर लिया हो तो कोशिश करें कि इस लड्डू को पूरा पचा लें. अपनी शादी टूटने न दें. इससे प्यार तो बढ़ता ही है, आपकी सेहत भी सलामत रहती है. शोध के अनुसार विवाह टूटने का तनाव कैंसर से लड़ने की क्षमता कम करता है. एक नए शोध के अनुसार विवाहित लोगों में कैंसर का सामना करने की संभावना अधिक होती है जबकि ऐसे लोगों के लिए कैंसर से बचना मुश्किल हो सकता है, जिनकी शादी टूटने की स्थिति में है.
शोधकर्ताओं ने अमेरिका के इंडियाना विश्वविद्यालय ने 1973 से 2004 के बीच 38 लाख कैंसर रोगियों के आंकड़ों का अध्ययन करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है. शोधकर्ताओं ने पाया कि शादीशुदा कैंसर रोगियों में रोग होने के बाद पांच साल तक जीवित रह पाने की संभावना 63 प्रतिशत होती है. इसकी तुलना में ऐसे लोगों के कैंसर से पांच साल तक लड़ पाने की संभावना 45 प्रतिशत होती है, जिनकी शादी टूटने के कगार पर है. विज्ञान जर्नल कैंसर में प्रकाशित होनेवाली शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि संभवतः शादी टूटने के तनाव के कारण रोगियों के कैंसर से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है. इसके पूर्व भी शादी और स्वास्थ्य को लेकर अध्ययन किए गए हैं. कई अध्ययनों में पाया गया है कि जीवनसंगी का प्रेम और साथ रोग से लड़ने के लिए बहुत आवश्यक होता है.
शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन के दौरान विवाहित, अविवाहित, विधवा-विधुर, तलाक़शुदा और शादी टूटने की स्थिति वाले कैंसर रोगियों के बारे में अध्ययन किया और यह पता लगाने का प्रयास किया कि इनमें से कितने लोग कैंसर के बाद पांच से 10 साल तक जीवित रह पाते हैं. उन्होंने पाया कि विवाहित और अविवाहित रोगियों…..
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शादी बचाइए, क्योंकि शादी बचा सकती है कैंसर से
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