योगी सरकार ने विधानसभा में यूपीकोका बिल पेश कर दिया है. इसके साथ ही विपक्षी दलों ने योगी सरकार को घेरने की कवायद शुरू कर दी है. मकोका की तर्ज पर माफिया और संगठित अपराध से निपटने के लिए यह बिल पेश किया गया है. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्विट कर योगी सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने ट्विट किया है कि नए साल में जनता को उत्तर प्रदेश सरकार का तोहफा, सेल्फी लेने पर लग सकता है यूपीकोका. यूपीकोका नहीं ये धोखा है. फर्नीचर साफ करने के पाउडर को विस्फोटक बताने वाले जनता को बहकाने में माहिर हैं. वहीं, बसपा प्रमुख मायावती ने कहा है कि ये दलितों-अल्पसंख्यकों को खत्म करने वाला कानून है.

महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम, मकोका की तर्ज पर ही यूपीकोका बनाया गया है. मकोका लगने के बाद आरोपियों को आसानी से जमानत नहीं मिलती है. मकोका के तहत पुलिस को चार्जशीट दाखिल करने और पुलिस रिमांड पर रखने के लिए अधिक दिन मिल जाते हैं. किसी के खिलाफ मकोका लगाने से पहले पुलिस को एसीपी स्तर के पुलिस अधिकारी से मंजूरी लेनी होती है. माफिया और संगठित अपराधी योगी के सत्ता संभालने के बाद से ही निशाने पर रहे हैं. उनके निर्देश पर तत्कालीन गृह सचिव मणि प्रसाद ने सभी राज्यों में संगठित अपराधियों के खिलाफ बने कानूनों का अध्ययन कर यूपीकोका तैयार किया था.

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