नई दिल्ली, (विनीत सिंह) : सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद मामले में सुनवाई में देरी होने पर चिंता जताई है। सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि बाबरी मस्जिद ढहाए जाने को लेकर चल रहे मामले में आरोपियों के खिलाफ सुनवाई में देर हो रही है. इस मामले को अब रफ़्तार देने के लिए सुप्रीम कोर्ट आरोपियों के खिलाफ ससंयुक्त तौर पर सुनवाई करने का मन बना रहा है.
बाबरी मस्जिद मामले में सोमवार को हाजी महमूद और सीबीआई की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जस्टिस पीसी घोष और जस्टिस आरएफ नरीमन ने आज यह टिप्पणी की। इसकी वजह से भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और केंद्रीय मंत्री उमा भारती की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
भाजपा के इन वरिष्ठ नेताओं को कोर्ट में मस्जिद ढहाए जाने की साज़िश रचने जैसे आरोपों से जूझना पड़ सकता है. संभावना है की सुप्रीम कोर्ट इस मामले में लखनऊ, रायबरेली में चले रहे अलग-अलग मामलों को एक साथ कर सकता है.
सीबीआई ने अपनी याचिका में इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें आडवाणी, जोशी, उमा और यूपी के तत्कालीन सीएम कल्याण सिंह सहित अन्य आरोपियों को बरी किया गया था। ऐसी संभावना है की सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 22 मार्च को होने वाली अगली सुनवाई में अंतिम निर्णय दे सकता है।