sasikala, 4 years jail, supreme court, decisionचौथी दुनिया ब्यूरो : अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला के लिए आज बुरी खबर आई. कहां तो चिन्नमा सीएम बनने का ख्वाब संजोए हुई थी, अचानक सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले ने उनके ख्वाबों को तोड दिया. उन पर चल रहे आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें और दो अन्य को दोषी ठहराते हुए चार साल कैद की सजा सुनाई है. इस मामले में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं जयललिता पर भी आरोप था. लेकिन निधन की वजह से उन्हें बरी कर दिया गया. शशिकला को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया है. ताजा जानकारी के मुताबिक पुलिस उन्हें इरासत में लेने के लिए उनके एमौजूदगी वाली जगह पर पहुंच भी चुकी है.

इस फैसले के बाद, शशिकला के सीएम बनने के मंसूबों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. शशिकला के खिलाफ चार साल की सजा सुनाए जाने की वजह से वह किसी संवैधानिक पद पर छह साल तक बने रहने की हकदार नहीं हैं. जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत अब 4 साल सजा काटने के बाद 6 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगी. यानी उनके राजनीतिक भविष्य पर दस साल तक के लिए ग्रहण लग गया है.

दरअसल, 1996 में जनता पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष सुब्रहमण्यम स्वामी ने एक मामला दर्ज कराया था जिसमें जयललिता पर आरोप लगाया गया था कि 1991 से 1996 तक तमिलनाडु का मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने 66.65 करोड़ की संपत्ति जमा की. यह उनके आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक है. इसी मामले में शशिकला भी सह अभियुक्त थी. शशिकला को अब ट्रायल कोर्ट के सामने सरेंडर करना होगा. सुप्रीम कोर्ट के दोनों जजों ने हाई कोर्ट के फैसले को खारिज करने का फैसला किया.

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