electionसारण स्नातक विधान परिषद चुनाव को लेकर क्षेत्र में राजनीतिक पारा चढ़ने लगा है. जहां चुनाव को लेकर पुराने धुरंधर चुनावी तैयारी में लग गये हैं, वहीं नये चेहरे चुनौती देने की तैयारी मे लगे हैं. हालांकि चुनाव का निर्धारित समय 2017 में था, लेकिन सारण क्षेत्र के विधान पार्षद महाचंद्र प्रसाद सिंह की पद से बर्खास्तगी के बाद रिक्त हुये इस पद के लिए 2016 के अप्रैल में चुनाव संभावित बताया जा रहा है.

सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र पर लगातार 6 बार से कांग्रेस नेता महाचंद्र प्रसाद सिंह का कब्जा था. ऐसे समय में जब कांग्रेस बिहार में हाशिये पर थी, तब भी महाचंद्र सिंह इस सीट पर विजयी होते रहे. 2011 के विधान परिषद चुनाव के पूर्व उन्होंने कांग्रेस से नाता तोड़ लिया. 10 अप्रैल 2011 को विधान पार्षद महाचंद्र सिंह ने अपने आवास पर आयोजित प्रेस वार्ता में कांग्रेस छोड़ने का एलान किया था. तब उन्होंने केन्द्र की कांग्रेस सरकार पर बिहार की अनदेखी करने और विशेष राज्य का दर्जा नहीं देने का आरोप लगाते हुए पार्टी की प्रारंभिक सदस्यता से त्याग पत्र दे दिया था.

उनका छठवां कार्यकाल भी अप्रैल में ही पूरा हो रहा था. पार्टी छोड़ने पर तब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी महबूब अली कैसर और अनिल शर्मा ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा था कि आगामी चुनाव में पार्टी उन्हें सारण से टिकट नहीं देने का विचार कर रही थी, इसकी जानकारी के बाद ही उन्होंने पार्टी को छोड़ा. उनके पार्टी छोड़ने से पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा. प्रेस वार्ता के दौरान महाचंद्र प्रसाद सिंह ने जमकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ की और कांग्रेस का दामन छोड़ने के बाद महाचंद्र प्रसाद सिंह ने जदयू की सदस्यता ले ली. जदयू के टिकट पर उन्होंने सारण स्नातक विधान परिषद क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीते.

2011 के चुनाव में चुनावी मैदान में बिरेन्द्र नारायण, ब्रजेश कुमार, डॉ. कमलदेव नारायण शुक्ला, ज्ञानदेव मणि त्रिपाठी और रीना नारायण भी किस्मत आजमा रहे थे. लेकिन जदयू में शामिल होने का लाभ महाचन्द्र प्रसाद सिंह को मिला और वह विजयी हुए. उनकी जीत का एक बड़ा कारक उनका शिक्षक होना भी है. मुजफ्फरपुर के महेश प्रसाद सिंह साइंस कॉलेज में प्राध्यापक रहे महाचंद्र प्रसाद सिंह को शिक्षक मतदाताओं का भारी समर्थन मिलता रहा है.

 हालांकि राजनीतिक महत्वाकांक्षा के कारण उठाये गये कदम के कारण विगत दिनों उनकी लोकप्रियता में काफी गिरावट देखने को मिली है. जदयू के टिकट पर 2011 का चुनाव जीते महाचंद्र प्रसाद सिंह को नीतीश कुमार ने मंत्री पद का भी तोहफा दिया था. लेकिन जदयू के आंतरिक कलह के समय उन्होंने जीतन राम मांझी का साथ दिया और बागी होकर जदयू का साथ छोड़ हम में चले गये.

पार्टी छोड़ने के बाद विधान परिषद की सदस्यता समाप्त कर ली. हालांकि बर्खास्तगी को लेकर महाचंद्र प्रसाद सिंह ने माननीय उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. इस पर उनका कहना है कि जल्दबाजी में उनको पदच्युत किया गया. उनको अपनी बात कहने का भी मौका नहीं दिया गया. अब उच्च न्यायालय के निर्णय पर सबकी नजर है. 2011 में हुए चुनाव में सारण स्नातक विधान परिषद क्षेत्र से डॉ.महाचन्द्र प्रसाद सिंह लगभग 16 हजार मतों से जीते थे.

हम राजग गठबंधन का घटक दल है. ऐसे में कयास लगाया जा रहा राजग गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में महाचन्द्र प्रसाद सिंह को टिकट मिलेगा. उन्होंने क्षेत्र भ्रमण भी शुरू कर दिया है. लेकिन बदले हुए राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में 2016 का उप-चुनाव आसान नहीं दिख रहा है. हालांकि इस चुनाव में पूर्व में प्रत्याशी रहे बिरेन्द्र नारायण और ज्ञानदेव मणि त्रिपाठी भी दावेदार हो सकते हैं. वहीं कुछ नये चेहरे भी सशक्त दावेदारी कर रहे हैं.

दिलचस्प होगा कि महागठबंधन किसे अपना उम्मीदवार घोषित करता है. हालांकि राजद के युवा नेता और मोतिहारी के प्रख्यात अधिवक्ता राजीव कुमार द्विवेदी उर्फ पप्पू दूबे महागठबंधन से सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. विगत दिनों उन्होंने विधिवत अपने उम्मीदवारी का ऐलान कर दिया. पप्पू दूबे के अनुसार 6 बार विधान पार्षद रहने के बाद भी महाचन्द्र प्रसाद सिंह ने कोई भी ऐसा कार्य नहीं किया है जिसको गिनाया जा सके. स्नातक क्षेत्र से विजयी नेता का रोजगार और स्नातक पास युवकों के भविष्य निर्माण के क्षेत्र में कुछ भी नहीं किया जाना उनके कार्यप्रणाली को स्पष्ट करता है.

उधर भावी उम्मीदवारों के बीच वाक्‌ युद्ध भी शुरू हो गया है. बिरेन्द्र नारायण ने वोटर लिस्ट में भारी गड़बड़ी का आरोप लगाते हुये कहा कि मतदाता सूची में सैकड़ों फर्जी नाम हैं. इस पर पलटवार करते हुए महाचन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि बिरेन्द नारायण मतदाताओं के फर्जी कहकर अपमानित कर रहे हैं. लोकतंत्र में मतदाता  मालिक होते हैं उन्हें माफी मांगनी चाहिये.

सारण क्षेत्र में वर्तमान में 63,073 मतदाता हैं, जिसमें महिलाओं की संख्या 8,014 है. विगत 18 जनवरी से नये मतदाताओं को सूची में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू है. सारण क्षेत्र में गोपालगंज, सिवान, मोतिहारी, बेतिया जिला आता है. 2016 के उप-चुनाव में अधिवक्ता राजीव कुमार द्विवेदी उर्फ पप्पू दूबे को सशक्त दावेदार माना जा रहा है.

वकील के रूप में प्रसिद्ध द्विवेदी दो बार विधिज्ञ संघ के सचिव रह चुके हैं. क्षेत्र के सभी अधिवक्ताओं के समर्थन का दावा करते हुए, द्विवेदी का कहना है कि पार्टी समर्थकों और वकीलों के समर्थन से वह बड़ी आसानी से सीट पर कब्जा जमा सकते हैं. बहरहाल अभी सभी भावी उम्मीदवार खुल कर सामने नहीं आये हैं. चुनावी परिदृश्य साफ होने के बाद ही कुछ भी कहना उचित होगा.

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