उच्च रक्तचाप, कैंसर का दर्द और जी घबराना इन सभी बीमारियों से यदि आप ग्रस्त हैं, तो आपको संगीत इन सबसे राहत दिला सकता है. मशहूर मनोचिकित्सक रिचर्ड कोगन ने हाल ही में भारत में आयोजित एक सम्मेलन में यह बात कही. कोगन खुद भी कैंसर से जूझ रहे हैं. उन्होंने कहा कि संगीत में दर्द और व्यग्रता को कम करने की अद्भुत शक्ति है.
राहत दिलाने की संगीत की शक्ति पर कोगन ने कहा कि हृदयरोगियों के लिए संगीत रक्तचाप को कम कर सकता है. यह कोर्टिसोन एक प्रकार का हार्मोन, जो तनाव से सक्रिय होता है और कई प्रकार की बीमारियों की वजह बनता है और संगीत उसको कम कर सकता है.
उन्होंने कहा कि आघात के बाद बोलने में कठिनाई के रोगियों के लिए भी संगीत मददगार हो सकता है. उन्होंने आगे कहा कि संगीत याद्दाश्त को भी लौटाने में मदद कर सकता है. इस संबंध में उन्होंने जर्मन संगीतकार लुडविग वैन बीथोवेन का उदाहरण देते हुए कहा कि अत्यंत युवावस्था में बघिरता के शिकार होने के बावजूद संगीत की उपचार शक्ति के कारण वे कुछ बेहतरीन संगीत रचनाएं दे सके.
विश्व का सबसे बड़ा केक
कोलंबिया की राजधानी बोगोटा में लोगों ने मिलकर 606.6 मीटर लंबा पौंड केक तैयार किया गया. इस केक ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है. इससे पहले गिनीज बुक में दर्ज केक 500 मीटर लंबा पौंड का केक था. गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रतिनिधि किमबर्ली पैट्रिक ने कोलंबिया की राजधानी में नए रिकॉर्ड का सत्यापन किया. कार्यक्रम के आयोजक चिली के खुदरा व्यापारी फेलेबेला और कूकीज बनाने वाली कंपनी रैमो ने हरे रंग की क्रीम से सजे पौंड केक के 10,000 टुकड़े लोगों में बांटे.
बोगोटा के उत्तरी क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम में बच्चों, बड़ों सभी ने केक का लुत्फ उठाया. इस केक को बनाने के लिए रसोइयों को 2,000 किलोग्राम मैदा, 2,000 किलोग्राम चीनी, 2,000 किलोग्राम मक्खन, 30,000 अंडे और 2,000 किलोग्राम हरे रंग की क्रीम की आवश्यकता पड़ी. यह कार्यक्रम कोलंबिया में फेलेबेला की सातवीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किया गया था.
चांद पर उगेगा शलजम
नासा चांद पर इंसान रह सकता या नहीं इसके लिए साल 2015 तक चांद पर पौधे और सब्जियां जैसे कि शलजम और बेसिल उगाने की कोशिश कर रहा है. इससे यह पता लगेगा कि वहां इंसान के लिए रहना और काम कर पाना मुमकिन होगा या नहीं अमेरिकी स्पेस एजेंसी इसके लिए एक कमर्शल लूनर लैंडर के साथ कुछ पौधे भेजने जा रही है. यह पहल लूनर प्लांट ग्रोथ हैबिटेट टीम कर रही है. इनका मकसद कॉफी के कैन के साइज के कंटेनरों में पौधे उगाना है. ये कंटेनर ऐसे होंगे, जो मुश्किल जलवायु से पौधों की रक्षा कर सकेंगे. इनके साथ कैमरा, सेंसर और इलेक्ट्रॉनिक्स भी होंगे, जो सीधे चंद्रमा से धरती तक जानकारियां भेजकर बताएंगे कि पौधे वहां पर कैसे हैं. नासा की योजना अभी ऐसा सिंपल सील वाला ग्रोथ चैंबर तैयार करना है, जिसमें पांच से 10 दिन में बीज पौधे का आकार ले सकें. यह काम चंद्रमा पर स्पेसक्राफ्ट के भीतर होगा.
जरा हट के : संगीत लौटा सकता है आपकी याद्दाश्त
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