भोपाल। जिले के ठेके को उन्होंने ग्रीन बेल्ट की खुदाई का भी अधिकार मान लिया। नर्मदा की छाती से रेत खोदने पर आमादा रेत माफियाओं के सहयोग में वह अधिकारी भी आ खड़े हुए, जिनके जिम्मे अवैध काम रोकना है। दबाव बना तो अब माफिया भूमिगत होने लगे और अफसरों ने कार्यवाही की झूठी कहानियां गढ़ना शुरू कर दी हैं।
धार जिले की धरमपुरी, कुक्षी और मनावर तहसील के विभिन्न गांवों से गुजरने वाली नर्मदा पट्टी से दिन रात रेत खुदाई बरसों से जारी है। खुदाई का आधार वह ठेका है, जो शिवा कॉरपोरेशन ने जिलेभर से खुदाई करने के लिए ले रखा है। लेकिन इस ठेके की सेवा शर्तों को शिवा कॉरपोरेशन ने भुला दिया, जिसमें ग्रीन बेल्ट से रेत खनन प्रतिबंधित किया गया था।
यहां से वहां तक दफ्तर
ग्रीन बेल्ट से खुदाई के दावे को झुठलाते नजर आने वाले शिवा कॉरपोरेशन के कई दफ्तर नर्मदा पट्टी पर खड़े हुए हैं। धरमपुरी, बाकानेर आदि में मौजूद इन ऑफिसों में बड़ी संख्या में तैनात स्टाफ नर्मदा पट्टी से अवैध खनन तो कर ही रही है, साथ में अवैध खुदाई करने वाले छोटे ठेकेदारों से चौथ वसूली भी कर रहा है।
अब हुए गायब
पिछले दिनों नर्मदा पट्टी पर होने वाले अवैध खनन को लेकर नर्मदा बचाओ आंदोलन नेत्री मेघा पाटकर और विधायक डॉ हीरालाल अलावा द्वारा किए गए छापेमार के बाद फिलहाल खनन रोक दिया गया है। शिवा कॉरपोरेशन ने यहां से अपनी टीम और मजदूर भी हटा दिए हैं। लेकिन धरमपुरी और बाकानेर में तने हुए ऑफिस अब भी बदस्तूर जारी हैं।
सरकारी सहयोग का नतीजा
जिले की नर्मदा पट्टी पर बरसों से जारी अवैध खनन में यहां के खनिज अधिकारी एमएस खतोड़िया की बड़ी भूमिका बताई जा रही है। सूत्रों का कहना है कि खतोड़िया अक्सर धरमपुरी और धामनोद में खास चिन्हित और सुरक्षित स्थानों पर शिवा कॉरपोरेशन के खास सिपाहसालारों से मुलाकात करते पाए जाते हैं। सूत्रों का कहना है कि इन मुलाकातों के बीच अवैध उत्खनन का हिसाब किताब किया जाता है और भ्रष्टाचार की खेती बोई जाती है।
खतोड़िया का नेटवर्क
जिला खनिज अधिकारी एमएस खतोड़िया अपने उच्च अधिकारियों को लगातार झूठी रिपोर्ट पेश करते रहे हैं। इस बीच उन्होंने सीएम हेल्पलाइन पर भी झूठी जांच और निष्कर्ष अंकित कर दिया है। इसके बावजूद वह इन सारे मामलों को दबाने के लिए अपने नेटवर्क को काम पर लगा चुके हैं। ये टीम खतोड़िया की भलमनसाहत और उनके बेहतर कामों का प्रचार करते हुए इस मामले पर अपना सॉफ्ट कॉर्नर रखने की सिफारिश कर रहे हैं। टीम खतोड़िया अवैध खनन के खिलाफ खड़े हुए नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ता और मीडिया से संपर्क कर मामले को रफा दफा करने की गुजारिश करते नजर आ रहे हैं।