मुंबई: लोकसभा चुनाव से पहले शिवसेना-BJP गठबंधन तो हो गया, लेकिन अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की एक और सहयोगी पार्टी RPI ने बीजेपी से नाराजगी जताई है. महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना साथ चुनाव लड़ेगी. गठबंधन की शर्तों के तहत बीजेपी 25 और शिवसेना 23 सीटों पर लड़ेगी. गठबंधन के एलान के बाद से केंद्रीय मंत्री रामदार अठावले नाराज हैं. आपको बतादें कि लोकसभा चुनाव से पहले  आरपीआई प्रमुख और केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने कहा कि मुझे कोई किनारे करेगा तो उन्‍हें किनारे करने की ताकत मुझ में भी है. आपको ये भी बता दें कि महाराष्ट्र में एक बड़ा दलित तबका आज भी रामदास के साथ खड़ा है, भले ही चुनावों में उन्हें सीटें ना मिलती हो लेकिन उनकी पार्टी का जनाधार जरूर है जो वोट काटने में बड़ी भमिका निभा सकता है. ये बात रामदास आठवले भी बखूबी जानते हैं इसीलिए उन्होंने कहा, “पूरे देश में ये संदेश गलत गया कि शिवसेना-बीजेपी एक साथ आए लेकिन रिपब्लिकन पार्टी को हवा में छोड़ दिया. एक भी सीट आरपीआई को दी नहीं. अभी भी इसमें सुधार किया जा सकता है, हमारी इतनी बड़ी मांग नहीं है.”
महाराष्ट्र में दरकिनार हुए आठवले ने क्या कहा ?
अठावले ने आगे कहा, “मुझे कोई किनारे करेगा तो उन्हें किनारे करने की ताकत मुझमें है. ये बात सही है कि जब बीजेपी-शिवसेना में तालमेल हो गया, अमित शाह की उपस्थिति में घोषणा हो गई, तब मुझे वहां बुलाने की आवश्यकता थी.”

आपको बता दें कि 18 फरवरी को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में गठबंधन की घोषणा की गई थी. इसके तहत राज्य की कुल 48 लोकसभा सीटों में से बीजेपी 25 सीटों पर और शिवसेना 23 सीटों पर लड़ेगी. हालांकि खबर है कि अन्य छोटे दलों को बीजेपी अपने कोटे से टिकट देगी.
एनडीए के बाकी सहयोगियों से शिवसेना ने झाड़ा पल्ला 
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में बीजेपी के चार छोटे सहयोगी दल सीट बंटवारे की रणनीति पर चर्चा करने के लिए सोमवार को एक बैठक करेंगे. राष्ट्रीय समाज पार्टी (आरएसपी) नेता महादेव जानकर ने रविवार को यहां यह जानकारी दी. वहीं शिवसेना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उसका सिर्फ भाजपा के साथ गठजोड़ है, राजग के अन्य सहयोगी दलों को सीट बंटवारे पर भाजपा के साथ बातचीत करनी होगी. ऐसे में अब ये BJP के लिए कठिन चुनौती है कि महाराष्ट्र में बाकी के घटक दलों को कैसे खुश रखा जाए, अब ये देखना दिलचस्प होगा कि आगे बीजेपी क्या करती है ?
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