2014_12$img07_Dec_2014_PTI1बिहार में नीतीश के साथ महा-गठबंधन कायम करने वाले लालू प्रसाद यादव ने मुलायम सिंह यादव से भी उत्तर प्रदेश में ऐसा ही कोई महा-गठबंधन रचने का आह्वान किया था. यह अजीब संयोग है कि मुलायम उत्तर प्रदेश की राजनीति में कोई महा-गठबंधन तो नहीं कर पाए, लेकिन उनके और लालू के बीच रिश्ते का महा-गठबंधन ज़रूर कायम हो गया. पारिवारिक रिश्ते के महा-गठबंधन का राष्ट्रीय स्तर पर राजनीति में होने जा रहे महा-गठबंधन पर सकारात्मक असर ज़रूर पड़ेगा. सबको याद ही होगा कि कभी मुलायम के बेटे अखिलेश और लालू की बिटिया मीसा के रिश्ते की बात क़रीब-क़रीब तय हो गई थी, लेकिन जो बात उस समय नहीं बन पाई, वह आज मुलायम के पौत्र तेज प्रताप और लालू की बिटिया राजलक्ष्मी की शादी तय होने के साथ ही बन गई. इस रिश्ते को लेकर उस समय भी राजनीति के सूत्र तलाशे गए थे और आज भी इसके राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं. लेकिन, इतना तो तय है कि राजनीति की दो बड़ी हस्तियों के बीच बनने जा रहे इस पारिवारिक रिश्ते के दूरगामी मधुर राजनीतिक परिणाम प्रस्फुटित हो सकते हैं. तब की बात गई, जब लालू यादव के कारण ही 1997 में मुलायम सिंह यादव देश के प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गए थे और हरदनहल्ली देवेगौड़ा के माथे पर प्रधानमंत्री का ताज धौचक ही रख दिया गया था.
अब तो हालात भी बदल गए हैं. उस समय मुलायम को लालू की ज़रूरत थी, तो वह काम नहीं आए. आज लालू को मुलायम की ज़रूरत है, तो वह लालू का सहारा बन रहे हैं. जल्दी ही दोनों के सामने राजनीतिक चुनौतियां आने वाली हैं. इन्हीं चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए जनता दलीय महा-गठबंधन की कवायद चल रही थी कि इसे मजबूती देने के लिए दोनों महारथियों में पारिवारिक रिश्ता भी बन गया. मुलायम और लालू दोनों ही अपने अलग अंदाज़ एवं अलग किस्म के फैसलों के लिए जाने जाते हैं तथा तेज प्रताप एवं राजलक्ष्मी का रिश्ता तय करके दोनों ने फिर से ऐसा ही किया. पूरा देश इस आकस्मिक ख़बर के लिए तैयार नहीं था. इस शादी के फैसले की चर्चा राजनीतिक गलियारों में जैसे ही दौड़ी, लोगों ने फौरन राजनीतिक गुणा-भाग करना शुरू कर दिया. किसी ने कुछ कहा, तो किसी ने कुछ. किसी ने इसे बिहार और उत्तर प्रदेश का मिलन बताया, तो किसी ने लालू यादव की मजबूरी. तो कोई इसे मुलायम सिंह यादव की दूरगामी

दो दशकों के राजनीतिक प्रवाह में अलग-अलग धाराओं में बह रहे जनता दल परिवार के सदस्यों को एक करने के लिए छह दलों ने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव को ही अपना नेता चुना था. लिहाजा, रिश्तेदारी बनने के बाद गठबंधन के व्यापक एवं अटूट होने के तमाम राजनीतिक कयास लगाए जा रहे हैं और विश्‍लेषण हो रहे हैं. मुलायम के छोटे भाई एवं राज्य के वरिष्ठ मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा भी कि अब गठबंधन टूटने का सवाल ही नहीं उठता. दोनों परिवार अन्य राजनीतिक संगठनों की मदद से भाजपा को बेनकाब करेंगे. शिवपाल बोले कि यह समय काफी शुभ है.

राजनीतिक सोच का परिणाम बता रहा है. हालांकि, दोनों परिवार इसे नितांत निजी मामला बताते और कहते हैं कि सियासत से इसका दूर-दूर तक वास्ता नहीं है. लालू के दामाद होने जा रहे सांसद तेज प्रताप यादव कहते हैं कि निजी रिश्तों को राजनीति के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव ने भी कुछ-कुछ ऐसा ही कहा.
बहरहाल, उत्तर प्रदेश और बिहार के दो राजनीतिक एवं प्रतिष्ठित यादव परिवारों के बीच पारिवारिक रिश्ता जुड़ने की औपचारिकताएं सात दिसंबर से लखनऊ में शुरू हो गईं, जब मुलायम सिंह यादव के पौत्र तेज प्रताप के लिए अपनी सबसे छोटी बिटिया राजलक्ष्मी के विवाह का शगुन लेकर राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव सपरिवार लखनऊ पहुंचे. लालू के साथ उनके पुत्र तेजस्वी, दामाद एवं अन्य सगे-संबंधी भी थे. राजलक्ष्मी का शगुन लेकर लखनऊ आए लालू ने कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार पड़ोसी राज्य हैं. दोनों परिवारों में हो रहे रिश्ते से अब तो गठजोड़ परमानेंट हो जाएगा. शगुन की रस्म सपा प्रमुख के विक्रमादित्य मार्ग स्थित सरकारी आवास पर संपन्न हुई. लालू जब अपने परिवार के साथ लखनऊ पहुंचे, तो अमौसी हवाई अड्डे पर उनके स्वागत के लिए शिवपाल सिंह यादव मौजूद थे.
दो दशकों के राजनीतिक प्रवाह में अलग-अलग धाराओं में बह रहे जनता दल परिवार के सदस्यों को एक करने के लिए छह दलों ने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव को ही अपना नेता चुना था. लिहाजा, रिश्तेदारी बनने के बाद गठबंधन के व्यापक एवं अटूट होने के तमाम राजनीतिक कयास लगाए जा रहे हैं और विश्‍लेषण हो रहे हैं. मुलायम के छोटे भाई एवं राज्य के वरिष्ठ मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा भी कि अब गठबंधन टूटने का सवाल ही नहीं उठता. दोनों परिवार अन्य राजनीतिक संगठनों की मदद से भाजपा को बेनकाब करेंगे. शिवपाल बोले कि यह समय काफी शुभ है. दोनों परिवार एक मजबूत बंधन में बंधने जा रहे हैं. नेता जी और लालू प्रसाद यादव में हमेशा अच्छे रिश्ते रहे हैं और अब तो हम स्थायी रूप से एक होने जा रहे हैं.
मुलायम ने भी कहा, मेरे घर में शादी है और पत्रकार भी इसी पर सवाल पूछते हैं. लालू जी से काफी वर्षों से रिश्ता रहा है. बीच में भले ही विभाजन हो गया था, लेकिन अब सब एक हैं. लालू ने कहा कि मुलायम सिंह से अब उनका रिश्ता और मजबूत हुआ है. उनके राजनीतिक गठबंधन को भी इससे मजबूती मिली है. अब हम सब मिलकर सांप्रदायिक ताकतों के ख़िलाफ़ लड़ेंगे. लालू ने कहा कि मुलायम सिंह उनके गठबंधन के नेता हैं, उनका आदेश सबको मंजूर है. काला धन मुद्दे को लेकर आगामी 22 दिसंबर को उनका गठबंधन जंतर-मंतर पर धरना देगा. लालू ने कहा, नेता जी और हम राजनीतिक दृष्टिकोण से भी इकट्ठा हो रहे हैं. हम लोगों के बिखराव का लाभ उठाकर ही केंद्र में सरकार बना ली गई, देश ग़लत हाथों में चला गया. हम लोगों के मिलने से पूरे देश में अच्छा संदेश गया है. लोगों में आशा की किरण का संचार हुआ है.


शगुन में मौजूद नहीं थे अखिलेश : मुलायम के आवास पर हुई शगुन की रस्म के दौरान सारे रिश्तेदार एकत्र थे, लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस मा़ैके पर मौजूद नहीं थे. पारिवारिक कार्यक्रम में उनका मौजूद न रहना परिवार को काफी खल रहा था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई मुख्यमंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए अखिलेश दिल्ली गए हुए थे. प


अब यह तय है कि लालू प्रसाद यादव की सबसे छोटी बेटी राजलक्ष्मी की शादी मुलायम सिंह यादव के पौत्र एवं सांसद तेज प्रताप यादव के साथ हो रही है. तेज प्रताप अभी जिस संसदीय क्षेत्र मैनपुरी से सांसद हैं, वह मुलायम की सीट थी, जिसे उन्होंने खाली कर वहां से तेज प्रताप को लड़वाया. राजलक्ष्मी का जन्म लालू के मुख्यमंत्री बनने के बाद हुआ था. लालू ने दो साल पहले अपनी छठी बेटी अनुष्का की शादी चिरंजीव राव से की. राव हरियाणा के तत्कालीन ऊर्जा मंत्री कैप्टन अजय सिंह के बेटे हैं. लालू की पांचवीं बेटी हेमा की शादी विनीत यादव से पिछले ही साल हुई है. जबकि चौथी बेटी रागिनी की शादी राहुल से हुई है. राहुल समाजवादी पार्टी के विधायक जीतेंद्र यादव के पुत्र हैं. इसके पहले वर्ष 2006 में लालू ने अपनी तीसरी बेटी चंदा की शादी की थी. 2006 के बाद जिन बेटियों की भी शादी हुई, उनके पति किसी न किसी तरह राजनीति से जुड़े रहे हैं, लेकिन चंदा की शादी पायलट विक्रम सिंह से हुई है. लालू की सबसे बड़ी बेटी मीसा की शादी 1999 में शैलेश से हुई, जो इंजीनियर हैं. रोहिणी की शादी 2002 में समरेश से हुई, वह भी पेशे से इंजीनियर हैं. लालू के दो बेटे हैं, जो अभी अविवाहित हैं.


 

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