पंजाब के कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और कुछ अन्य नेताओं द्वारा खुले तौर पर कैप्टन को हटाए जाने की मांग उठाए जाने के बाद एक बार फिर पंजाब की राजनीति में भूचाल आ गया है।
मंगलवार को उठे इस सियासी तूफान के बाद अब पंजाब के कुछ विधायकों ने उत्तराखंड की राजधानी देहरादून का रुख किया है। क्योंकि राज्य प्रभारी हरीश रावत इस समय देहरादून में हैं।
बता दें कि इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब कांग्रेस का प्रधान बनने के बाद यह माना जा रहा था कि पार्टी के सभी अंदरूनी विवाद शांत हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। कैप्टन अमरिंदर सिंह और सिद्धू खेमे के बीच चिंगारी और भड़क गई है।
26 अप्रैल को ही हो गया था विवाद
मंत्री सुखजिंदर रंधावा ने कहा कि मैंने व तत्कालीन पंजाब प्रधान सुनील जाखड़ ने 26 अप्रैल की केबिनेट मीटिंग में ही बेअदबी, नशा व अन्य मुद्दों पर कार्रवाई की मांग की थी। विवाद तो उसी वक्त शुरू हो गया था। कैप्टन को हटाने के बाद पंजाब में पार्टी को नुकसान के सवाल पर रंधावा ने कहा कि एक महीने में कांग्रेस की छवि सुधर जाएगी।
कुछ विधायकों के पल्ला झाड़ने पर रंधावा बोले- कुछ बैठक में नहीं थे
कैप्टन का तख्तापलट करने के लिए मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा के घर बैठक के बाद देर रात 7 विधायक इससे मुकर गए। इनमें कुलदीप वैद, दलवीर गोल्डी, संतोख सिंह भलाईपुर, अंगद सिंह, राजा वड़िंग, गुरकीरत कोटली व पूर्व विधायक अजीत सिंह मोफर शामिल हैं। मंत्री सुखजिंदर रंधावा ने कहा कि भलाईपुर बैठक में ही नहीं थे। बाकी से मीडिया खुद पूछ लें।
मंत्री बाजवा के तीखे तेवर, कैप्टन अकालियों के साथ मिले हुए हैं
मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह अकालियों के साथ मिले हुए हैं। हम कितनी देर देखते रहेंगे। हम हाईकमान से कैप्टन को बदलने की मांग करेंगे। अगर हाईकमान ने न बदला तो पंजाब में कांग्रेस की कब्र खुद खोदेगी। कैप्टन कांग्रेस को मरवाने की साजिश कर रहे हैं। यह सोच हो गई है कि कांग्रेस जाए और अकाली आ जाएं। यह बिल्कुल गलत है। बाजवा ने कहा कि पंजाब में कांग्रेस के आने पर देश में कांग्रेस वापस लौटेगी लेकिन कैप्टन कांग्रेस को खत्म करने में जुटे हैं।