उत्तर प्रदेश में सोशल मीडिया पर ताकतवर नेताओं और मंत्रियों की करतूतों को उजागर करने वाले पत्रकारों या आम लोगों की जान आफत में है. ताकतवर मंत्री आजम खान के इशारे पर लोगों की गिरफ्तारियां और उत्पीड़न की घटनाएं सुर्खियों में रहीं. अब प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री राममूर्ति वर्मा के इशारे पर सोशल मीडिया से जुड़े शाहजहांपुर के पत्रकार जगेंद्र सिंह का उत्पीड़न करने और उन्हें जला कर मार डालने का मामला गरमा गया है. जलने से बुरी तरह जख्मी हुए पत्रकार की लखनऊ में आठ जून को मौत हो गई. उन्हें जख्मी हालत में लखनऊ के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पत्रकार की मौत की खबर आग की तरह फैलने के बाद पत्रकारों की नाराजगी के आगे शासन ने घुटने टेक दिए और राज्य मंत्री व इंस्पेक्टर समेत छह लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया. राज्य मंत्री की गिरफ्तारी अभी (खबर लिखे जाने तक) नहीं हुई है.
आरोप है कि शाहजहांपुर के रहने वाले राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा ने पिछले दिनों अपने गुर्गों से सोशल मीडिया के एक पत्रकार को जिंदा जलाने की घटना को अंजाम दिया. पहले यह कह कर मामले को मोड़ देने की कोशिश की गई कि उत्पीड़न से तंग आए पत्रकार ने मंत्री के गुर्गों को अपने घर में घुसता देख अपने शरीर में आग लगा ली थी, लेकिन पत्रकार ने खुद मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयान में कहा था कि मंत्री के इशारे पर पुलिस इंस्पेक्टर ने उन्हें जिंदा जला कर मारने की कोशिश की. पत्रकार को गंभीर हालत में लखनऊ के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था. प्रदेश सरकार ने आरोपित मंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और न ही मंत्री के खिलाफ घटना के फौरन बाद कोई एफआईआर लिखी गई थी. आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने जख्मी पत्रकार से सिविल अस्पताल जाकर मुलाकात भी की थी.
बताया गया कि बीते एक जून को दिन में आवास विकास कॉलोनी सदर बाजार, शाहजहांपुर स्थित मकान में सदर कोतवाल श्रीप्रकाश राय ने दबिश दी थी. वहां पत्रकार जगेंद्र सिंह पर राज्यमंत्री के गुर्गों ने पेट्रोल डालकर आग लगा दिया. आग लगने से जगेंद्र 60 फीसदी से अधिक जल गए थे. अस्पताल में मुलाकात के दौरान जगेंद्र ने अमिताभ ठाकुर से कहा था कि राज्य मंत्री राममूर्ति वर्मा के इशारे पर इंस्पेक्टर श्रीप्रकाश राय ने यह सब किया. उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी 28 अप्रैल को उनके आवास के पास जानलेवा हमला किया गया, पर उसमें भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. राज्य मंत्री राममूर्ति वर्मा हाल ही में बलात्कार के मामले में फंसने पर जगेंद्र को ही दोषी मानते थे. हमला कराने के पीछे यही वजह है. जगेंद्र के परिजनों का कहना था कि मंत्री राममूर्ति वर्मा की तमाम गड़बड़ियों, जमीन पर बलपूर्वक कब्जा करने और सत्ता के दुरुपयोग को उजागर करने के कारण उन्हें यह सब झेलना पड़ रहा है. आईजी अमिताभ ठाकुर ने शाहजहांपुर के एसपी बबलू कुमार से फोन पर बात कर इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई करने का अनुरोध किया था और डीजीपी ए के जैन को पत्र लिख कर मामले की जांच करवाने की मांग की थी.
डीजीपी को लिखे पत्र में आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने कहा कि सिविल अस्पताल में बर्न वार्ड के बेड नंबर 15 पर भर्ती जगेंद्र सिंह से उन्होंने मुलाकात की थी. सिंह बुरी तरह जले हुए थे. वहां उनके दो बेटे राजवेन्द्र सिंह और पुष्पेन्द्र सिंह तथा उनकी पत्नी मिली थीं. जगेंद्र सिंह ने उनसे बताया था कि उन्हें राज्यमंत्री के कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाने और इस सम्बन्ध में खबर लिखने के कारण अनवरत प्रताड़ित किया जा रहा है. पत्रकार का यह भी कहना था कि एक जून 2015 को स्थानीय कोतवाल ने उनके घर पर दबिश दी और इस दौरान उन पर आग लगा दी. ये सारी बातें मजिस्ट्रेट के सामने भी बयान किया हुआ है. लगभग यही बात उनके दोनों बेटों और पत्नी ने भी कही. श्री ठाकुर के पास जगेंद्र सिंह का वीडियो में बयान दर्ज है. इसके बावजूद डीजीपी ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की.
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में जो कुछ हुआ, वह वाकई दिल दहला देने वाला है. एक पत्रकार को सोशल मीडिया पर लिखने की कीमत यह चुकानी पड़ी कि एक मंत्री उसे परेशान करने लगा और मंत्री के इशारे पर पुलिस गिरफ्तार करने के लिए उसके पीछे पड़ गई और अंततः पत्रकार आग में झुलस कर मर गया. पिछले कई दिनों से पत्रकार जगेंद्र सिंह और राज्य मंत्री के बीच विवाद चल रहा था. इन्हीं विवादों के बीच पहले जगेंद्र सिंह पर जानलेवा हमला हुआ, जिसकी रिपोर्ट सदर थाने में दर्ज करवाई गई थी. इसके बाद पत्रकार जगेंद्र सिंह पर पिछले माह कोतवाली पुलिस ने एक युवक की तहरीर पर 307 का मुकदमा दर्ज किया था. इसी मामले में पुलिस उनको गिरफ्तार करने उनके आवास पर पहुंची थी, जब आगजनी की घटना हुई. पुलिस ने घायल अवस्था में जगेंद्र सिंह को अपनी गाड़ी में डालकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया. सूचना पाकर एसपी बबलू कुमार, एडीएम (फाइनेंस) प्रमोद श्रीवास्तव, एसडीएम सदर समेत कई अधिकारी जिला अस्पताल पहुंचे. एसडीएम सदर ने पत्रकार का मजिस्ट्रेटी बयान दर्ज किया. इस मामले में एसपी बबलू कुमार का कहना है कि कोतवाली पुलिस जगेंद्र सिंह को धारा 307 के मुक़दमे में गिरफ्तार करने गई थी, उन्होंने खुद को कमरे में बंद कर आग लगा ली. एसपी ने एएसपी सिटी को मामले की जांच का भी आदेश दिया, लेकिन उस जांच का कोई नतीजा सामने नहीं आया, जबकि पत्रकार जगेंद्र जब तक जिंदा रहे, तब तक यह कहते रहे कि राज्य मंत्री के इशारे पर उन्हें जिंदा जलाया गया. उनका कहना था कि शाहजहांपुर कोतवाली पुलिस ने उनके मकान की दीवार से कूदकर उनके ऊपर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी. शाहजहांपुर के रहने वाले जगेंद्र सिंह राज्य मंत्री राममूर्ति वर्मा के खिलाफ खबरें लिखने को लेकर चर्चा में रहे. लखनऊ सिविल अस्पताल में भी जगेंद्र ने कहा था कि यह इंस्पेक्टर श्रीप्रकाश राय द्वारा राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा के इशारों पर किया गया.
प्रदेश सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री राममूर्ति वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने पिछड़ा वर्ग कल्याण के नाम पर लाखों-करोड़ों की कोठी अपने लिए बना ली. वित्तीय अनियमितताओं के साथ-साथ मंत्री पर ब्लात्कार का भी संगीन आरोप है. सोशल मीडिया पर सक्रिय रहे पत्रकार जगेंद्र सिंह ने मंत्री के खिलाफ खूब लिखा. इस पर मंत्री ने उन पर जानलेवा हमला करवाया, जिसमें उनकी टांग तक टूट गई थी.
दोषियों पर कार्रवाई हो
शाहजहांपुर निवासी सोशल मीडिया पत्रकार जगेंद्र सिंह की संदेहास्पद स्थिति में मौत के दोषियों पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की मांग की गई है. सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर के
साथ-साथ आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने भी प्रदेश सरकार से यह मांग की है. जगेंद्र सिंह एक जून 2015 को दिन में अपने आवास विकास कॉलोनी, सदर बाज़ार स्थित मकान में सदर कोतवाल श्रीप्रकाश राय द्वारा दी गई दबिश के दौरान आग लगने से बुरी तरह जल गए थे. उनकी आठ जून को सिविल अस्पताल, लखनऊ में मौत हो गई. जगेंद्र ने उन्हें जलाने की घटना इंस्पेक्टर श्रीप्रकाश राय द्वारा राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा के इशारों पर किए जाने की बात कही थी, लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई. जगेंद्र ने राज्य मंत्री राममूर्ति द्वारा अवैध खनन, जमीन पर बलपूर्वक कब्जा करने और सत्ता के दुरुपयोग को उजागर करने के कारण ऐसी घटना कराने का आरोप लगाया था. श्री ठाकुर ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के कारण हुई इस मौत को एक अत्यंत गंभीर घटना बताते हुए सभी दोषी व्यक्तियों पर तत्काल कठोर कार्रवाई की मांग की है.
राज्य मंत्री पर हत्या का मुकदमा
पत्रकार की हत्या से नारा मीडिया के सामने झुकते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य मंत्री समेत अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सहमति दे दी. इसके बाद शाहजहांपुर के पुवायां थाने में राज्य मंत्री राम मूर्ति सिंह वर्मा, शाहजहांपुर कोतवाली चौक के प्रभारी निरीक्षक श्रीप्रकाश राय, गुफरान, हृदय कुमार दीक्षित उर्फ घूरे, अमित प्रताप सिंह भदौरिया, आकाश गुप्ता व तीन-चार अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 302 (हत्या), 120-बी (आपराधिक षड़यंत्र) व कुछ अन्य संज्ञेय धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. नौ जून को हुई एफआईआर के बाद खबर लिखे जाने तक मंत्री की गिरफ्तारी नहीं हुई थी.