भारत के स्वाधीनता आन्दोलन के इतिहास में 9 सितंबर के दिन का विशेष महत्व है ।यह वो दिन है ,जब भारत के क्रांतिकारियों ने आज़ादी के बाद भारत के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित कर अपने संगठन को वैचारिक आधार पर संगठित किया था ।

उल्लेखनीय है कि 8,9 सितम्बर 1928 को दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में क्रांतिकारियों ने क्रांति के जरिए भारत में समाजवाद स्थापित करने का प्रस्ताव पारित किया था ।तब इन क्रांतिकारियों ने अपने संगठन ” हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन ” का नाम बदलकर ” हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन ” किया था ।महान क्रांतिकारी भगत सिंह की इसमें प्रमुख भूमिका थी ।इस संगठन के सेनापति महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आज़ाद थे ।

सोवियत क्रांति से प्रेरणा लेकर हमारे क्रांतिकारी भारत में भी पूंजीवादी साम्राज्यवादी व्यवस्था को ध्वस्त कर मेहनतकशों की सत्ता स्थापित करना चाहते थे ।हमारे क्रांतिकारियों के सपने और लक्ष्य अभी अधूरे हैं ।
भारत की आज़ादी के 75 वे वर्ष में यह 9 सितंबर का ऐतिहासिक दिन हमें भारत को फासीवाद के शिकंजे से मुक्त कर समाजवादी मूल्यों पर आधारित मेहनतकशों की सत्ता स्थापित करने के महान लक्ष्य पथ पर अग्रसर होने हेतु प्रेरित करता है ।

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