भोपाल। राजधानी के बड़े अस्पताल हमीदिया से चोरी हुए जीवनरक्षक इंजेक्शन की चोरी के मामले को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट ने अभियोग पत्र पेश करने के निर्देश दिए हैं। कुछ महीनों पहले हुए इस चोरी मामले के रजिस्टर और अन्य दस्तावेज क्राइम ब्रांच के कब्जे में हैं। मामले को लेकर की जा रही लेटलतीफी के बाद राजधानी के मध्य विधायक आरिफ मसूद ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिसके बाद यह आदेश जारी किए गए हैं।

जानकारी के मुताबिक कोविड-19 महामारी के दौरान हमीदिया अस्पताल से 865 रैमडीसीवर इंजेक्शन कथित तरीके से चोरी किए गए थे। जिसकी एफआईआर थाना कोहेफिजा में दर्ज है। मामले की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है। गौरतलब है कि रेमरिसीवर इंजेक्शन के अभाव में असंख्य लोगों की मौतें हुई हैं। ऐसे समय में कुछ प्रभावशाली लोगों ने हमीदिया अस्पताल प्रबंधन से सांठगांठ कर 865 रेमडिसीवर इंजेक्शन ले लिए थे। जिसका विवरण अस्पताल के आवक-जावक रजिस्टर में मौजूद है। सूत्रों का कहना है कि यह रजिस्टर क्राइम ब्रांच के कब्जे में है, जिसमें कुछ राजनेताओं तथा नौकरशाहों द्वारा इंजेक्शन लिए जाने का उल्लेख है।

संभवत: इन लोगों को बचाने के लिए क्राइम ब्रांच ने अब तक इस मामले को दबा कर रखा है और किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं की गई है। विधायक आरिफ मसूद ने इस मामले को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की थी, जिसमें मांग की गई थी कि क्राइम ब्रांच के कब्जे में जो रजिस्टर हैं, उसमें राजनेताओं व प्रभावशाली लोगों के नाम हैं उन पर कार्रवाई की जाए। मामले में सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय जबलपुर के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रफीक अहमद ने 21 जून 2021 को पुलिस को आदेश दिए हैं कि इस मामले में धारा 173 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत अभियोग पत्र संबंधित न्यायालय में पेश किया जाए। पुलिस द्वारा यदि सही कार्रवाई नहीं की जाती है तो संबंधित मजिस्ट्रेट उस पर संज्ञान लेंगे। इस मामले में जिन लोगों ने कथित तौर पर जीवन रक्षक रेमडिसीवर इंजेक्शन चोरी करवाए थे, वे सभी जांच के दायरे में आएंगे मामले में अधिवक्ता यावर खान ने पैरवी की थी।

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