भोपाल। युवक कांग्रेस की जिम्मेदारी हो, क्षेत्रीय विधायक बनने का फर्ज अदा करना हो या फिर महाकाल की नगरी की सेवा के लिए सांसद की भूमिका अदा करना हो, प्रेमचंद गुड्डू ने हर मोर्चे पर सफलता के परचम लहराए हैं। जितनी मंजी हुई सियासत उनके हिस्से आई है, उतनी ही मधुर रिश्ते निभाई उनकी खासियत है। करीब सोलह महीने की भाजपा तफरीह के बाद वे फिर अपनी परंपरागत पार्टी कांग्रेस के साथ हैं और आने वाले विधानसभा उप चुनाव में मंत्री तुलसीराम सिलावट के सामने खम ठोकते हुए सांवेर में नजर आने वाले हैं।
गुड्डू की फॉलोअर्सशिप शुरूआती राजनीति से ही शानदार रही है। युवक कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने प्रदेश के युवाओं को सियासत का नया पाठ पढ़ाते हुए पार्टी के लिए एक नया कीर्तिमान खड़ा कर दिया था। अपने पैतृक शहर इंदौर से लेकर प्रदेश की राजधानी भोपाल तक गुड्डू ने कांग्रेस को नया वजूद देने में महारत हासिल की है। विधायक और सांसद की भूमिका निभाने के लिए भी उनका बेहतर राजनीतिक कौशल और आमजन तक आसान पहुंच ही काम आया।
चैलेंज के लिए हमेशा तैयार
पार्टीगत खींचतान का असर कहा जा सकता है, जब गुड्डू विधानसभा चुनाव के लिए पंधाना से अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में मसरूफ हो चुके थे और उनकी तैयारियां पूरी हो चुकी थीं, अचानक आए फरमान में उन्हें आलोट विधानसभा की तरफ जाने का आदेश मिल गया। प्रेमचंद बहुत ही विनम्रता के साथ उस आदेश को सिर-आंखों पर धर कर ऐन चुनाव के पहले आलोट पहुंचे और वहां भी उन्होंने जीत का परचम लहराकर अपना कौशल साबित कर दिखाया। संसदीय सीट के लिए भी उन्हें उज्जैन की तरफ भेजा गया, तब वहां भाजपा के कद्दावर नेता डॉ. सत्यनारायण जटिया का कब्जा बरकरार था। करीब 6 बार से सतत सांसद रहे डॉ. जटिया से यह सीट छीनकर गुड्डु ने उस सीट को भी कांग्रेस के लिए आसान बना दिया था।
उपेक्षा ने किया विचलित !
बरसों की कांग्रेसी खिदमत के बाद प्रेमचंद गुड्डू के हिस्से आ रही लगातार उपेक्षा ने उन्हें पार्टी से विमुख किया और वे खुद को असहज महसूस करते हुए भाजपा की जाजम पर जा बैठे। हालांकि यह बदलाव महज मन बदल और तफरीह करने जैसा ही था। महज सोलह महीने मेंं उन्हें पार्टी की आस्थाएं और अपने विचारों ने फिर से कांग्रेस के खेमे में ला खड़ा किया।
फिर पुराने लोगों के बीच होंगे गुड्डू !
लंबे अरसे के बाद एक फिर प्रेमचंद गुड्डू अपने पूर्व विधानसभा क्षेत्र सांवेर में दिखाई देने वाले हैं। सरकार बदल के दौर में गुड्डू की कांग्रेस वापसी के बाद से ही इस बात की चर्चाएं तेज हो चुकी हैं कि वे उपचुनाव में सांवेर विधानसभा से खम ठोकने वाले हैं। कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में उनका मुकाबला उनके साथी रहे तुलसीराम सिलावट से होने वाला है। इस चुनावी जंग को जहां मैदान छोड़कर भागे विधायक और पुराने सेवादार की मौजूदगी अपना रंग देने वाली है। कहा जा रहा है कि सिलावट की बगावत और उनके जनता के विश्वास को ठेस पहुंचाने के बदले मतदाता अपने चहेते नेता को मत स्नेह देने के लिए आगे आते दिखाई देने लगे हैं।
खान अशु, भोपाल ब्युरो