राम मंदिर निर्माण को लेकर ऐसा लग रहा है कि शिवसेना अब सक्रियता के शिखर पर पहुंच चुकी है. लगातार शिवसेना के कनिष्ठ नेताओं से लेकर वरिष्ठ नेताओं के ऐसे बयान आ रहे है, जिसने सियासी गलियारों से लेकर केंद्र में बैठी सत्ता तक तहलका मचाकर रखा है.

बता दें कि इसी कड़ी में शिवसेना के सांसद संजय राउत ने बेहद उकसाने वाले बयान देकर चर्चा के बाजार को गर्म कर दिया है. उन्होंने कहा हमने 6 दिसबंर 1992 को सिर्फ 17 मिनट में बाबरी मस्जिद को नेस्तनाबूद कर दिया तो अब राम मंदिर निर्माण के बाबत कानून लाने में इतना समय क्यों लग रहा है.

गौरतलब है संजय राउत से पहले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने बयान से चर्चा के बाजार को गर्म कर दिया था. उन्होंने केंद्र सरकार से फिर से मांग की थी तो मंदिर निर्माण के बाबत अध्यादेश लेकर आए और इसके साथ ही तारीख भी बताए.

उन्होंने ये भी कहा कि यूपी से लेकर केंद्र तक हमारी सरकार है. राज्यसभा में भी सांसदों की तादाद ज्यादा है और इतना ही नहीं अगर कोई राम मंदिर निर्माण के कानून के खिलाफ अवाज उठाएगा तो उसका सड़क पर चलना मुश्किल हो जाएगा.

बताया जा रहा है कि 6 दिसंबर 1992 के बाद से यह दूसरी बार है कि जब अयोध्या में इतनी बड़ी तादाद में संत समाज के लोग इकट्ठे होने जा रहे हैं.

बता दें कि शिवसेना ने राम मंदिर को लेकर जो अक्सर ये आरोप लगते रहते हैं कि अपनी सियासत को चमकाने के लिए सियासी दलों के नुमाइंदे इस हवा दे रहे है. उसी सन्दर्भ में शिवसेना प्रमुख ने कहा कि हम राम मंदिर के निर्माण के आंदोलन के अवाज को सियासत चमकाने के लिए नहीं बल्कि मंदिर निर्माण के लिए उठा रहे हैं.

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