पहले जब नेताओं के बयान आते थें तो ऐसा लगता था कि ये लोग सिर्फ और सिर्फ मंदिर निर्माण के लिए सक्रिय हैं. लेकिन, अब जिस तरह के बयान नेताओं के आ रहे हैं, उससे ऐसा मालूम पड़ता है कि ये लोग राम मंदिर निर्माण के बाबत देश के संविधान को भी ताक पर रखने के लिए तैयार हैं.
कुछ ऐसा ही बयान बीजेपी के विधायक सुरेंद्र सिंह का आया है. बता दें कि उन्होंने अपना बयान जारी कर कहा कि अगर हमें राम मंदिर के निर्माण के बाबत संविधान को ताक पर भी रखना पड़े तो हमें इस बात का कोई हर्ज नहीं होगा. इतना ही नहीं, उन्होंने ये भी कहा, अभी तो केंद्र में मोदी की सरकार है और राज्य में योगी की सरकार है. अगर अब भी मंदिर का निर्माण नहीं हुआ तो फिर कभी नहीं हो पाएगा.
गौरतलब है कि बीते दिनों भैयाजी जोशी ने भी कहा था कि अगर राम मंदिर का निर्माण नहीं हुआ तो हम 1992 वाला कृत्य दोहराना पड़ेगा तो कोई दिक्कत वाली बात नहीं है.
अब सुरेंद्र सिंह का बयान भी भैयाजी जोशी के बयान के पुरक ठहरा है. उन्होंने भी कहा कि अगर हमें मंदिर निर्माण के लिए 6 दिसंबर को 1992 वाला कृत्य दोहराना पड़े तो हम 25 नवंबर को होने जा रही धर्म सभा की बैठक में उसे दोहराने में कोई गूरेज नहीं करेंगे.
अब तो इस तरह के बयानों के फेहरिस्त दिन व दिन लंबी ही होती जा रही है. मालूम हो कि इससे पहले शिवसेना के सांसद संजय राउत ने भी अपना बयान जारी कर कहा था कि जब हमें मंदिर तोड़ने में 17 मीनट लगा था तो मंदिर निर्माण के बाबत कानून लाने में कितना समय लगेगा.