राम नवमी (Ram Navmi 2019) : चैत्र मास की नवरात्रि का समापन राम नवमी के साथ होता है. इस बार राम नवमी दो दिन मनाई जा रही है. इसलिए जानिए- पूजन विधि और इस बार क्या होगा शुभ मुहूर्त.
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शास्त्रों के अनुसार, राम नवमी भगवान श्री राम जी के जन्म दिवस के रूप में मनाई जाती है. राम नवमी मनाने की तिथि को लेकर इस बार काफी असमंजस है. बता दें, इस बार राम नवमी 13 और 14 अप्रैल दो दिन मनाई जाएगी. मान्यता है कि राम जी का जन्म चैत्र शुक्ल नवमी के दिन दोपहर के समय हुआ था. ये भी मान्यता है कि उस दिन पुनर्वसु नक्षत्र था साथ ही चन्द्रमा भी कर्क राशि में था और वहीं लगभग सारे ग्रह उच्च के थे.
13 अप्रैल शनिवार को लगभग 121 साल बाद ऐसा ही संयोग बना है. चन्द्रमा कर्क राशि में है. नर्वसु नक्षत्र भी है. चैत्र शुक्ल नवमी श्री राम का जन्म दिवस के दिन राम नाम जपने से हर कष्ट से मुक्ति मिलेगी. श्री राम जी के साथ नवरात्रि के अंतिम दिन मां के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की भी उपासना की जाती है.
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नवमी मुहूर्त
ज्योतिष गणना अनुसार नवमी तिथि शनिवार को प्रातः 11 बजकर 41 मिनट से आरंभ होकर रविवार को प्रातः 9 बजकर 35 मिनट तक रहेगी. साधकगण शनिवार और रविवार को नवमी पूजा और यज्ञ अनुष्ठान कर सकते हैं. उदयातिथि को मानने अनुसार नवमी पूजनकाल रविवार को अहोरात्र बना रहेगा.
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 राम नवमी पूजन विधि
नारद पुराण के अनुसार राम नवमी के दिन भक्तों को उपवास करना चाहिए. घर के मंदिर में भगवान भगवान राम की मूर्ति की स्थापना करें और दीपक जलाएं. श्री राम जी की पूजा-अर्चना करने के बाद रामायण और राम रक्षास्‍त्रोत का पाठ करें. ब्राह्मणों को भोजन कराएं और गौ, भूमि, वस्त्र आदि का दान दें. इसके बाद भगवान श्रीराम की पूजा संपन्न करनी चाहिए.
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क्यों मनाई जाती है ‘रामनवमी’
मान्यताओं के अनुसार चैत्र मास की नवमी तिथि को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्म अयोध्या में हुआ था. इसी उपलक्ष्य में इस नवमी को रामनवमी के रूप में जाना जाता है. रामनवमी में हर वर्ष देश के कोने-कोने से यहां लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं. सुबह से ही सरयू स्नान और मंदिरों में पूजा-अर्चना शुरू हो जाती है. इस दिन मंदिरों में बधाई और सोहर के गीत गूंजने लगते हैं. इस अवसर पर दूर-दराज से आए लोग भगवान राम के जन्म पर सोहर गीत गाते हैं और धूमधाम से नाचते हैं.
ऐसे करें राम नवमी पर खास पूजा
स्नान कर पीले वस्त्र पहनें. लाल कपड़े बिछाकर सीता राम जी की तस्वीर रखें. शुद्ध घी या तिल तेल दीपक जलाएं साथ ही चंदन की अगरबत्ती जलाएं. गुलाब, फूल, माला और गुलाम पुष्प चढ़ाएं, सफ़ेद मिठाई और कोई सफ़ेद फल चढ़ाएं. इस मंत्र ॐ रामाय नमः। ॐ श्रीं रामाय नमः ।ॐ क्लीं रामाय नमः का जाप करें. फिर जय श्री राम, हरे राम, राम-राम, हरे हरे का जाप करें. श्री राम को लड्डू का भोग लगाकर प्रसाद खाएं. सारी चिंता दूर होगी. मन शांत होगा और काम भी हल हो जाएगा.
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