केंद्र ने गो तस्करी के संदेह में राजस्थान के अलवर में एक व्यक्ति की कथित रूप से पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। एक अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय ने राजस्थान सरकार को इस घटना का विवरण , उसमें शामिल लोगों को दंडित करने के लिए की गयी कार्रवाई और शांति बहाली के लिए उठाये गये कदम का ब्योरा उपलब्ध कराने को कहा है। राज्य सरकार से जल्द से जल्द इस मामले पर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है।
पिछले शनिवार को अलवर के ललवांडी गांव में गाय तस्कर होने के शक में 28 वर्षीय रकबर खान को कुछ लोगों ने बुरी तरह मारा-पीटा था। राजस्थान पुलिस ने भी इस आरोप की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनायी है कि अलवर पुलिस ने गो तस्कर होने के संदेह में रकबर खान की बुरी तरह पिटाई होने के बाद उसे अस्पताल ले जाने में काफी देर कर दी थी।
राजस्थान के अलवर में शुक्रवार को पशुतस्करी के आरोप में जिस शख्स की हत्या कर दी गई है वह अपने परिवार के लिए रोटी कमाने वाला अकेला शख्स था। भीड़ के हमले में जान गंवाने वाला रकबर खान हरियाणा के मेवात जिले का रहने वाला था। अब उसके आश्रितों के सामने जीने का संकट आकर खड़ा हो गया है। रकबर के घर में पत्नी, माता-पिता और सात बच्चे हैं।
रकबर खान के रिश्तेदारों ने बताया कि वह गांव में ही डेरी का बिजनेस शुरू करना चाहता था। इसके लिए उसने कुछ लोगों से कर्ज भी लिया था। रकबर अपने दोस्त असलम के साथ राजस्थान के अलवर जिले के लालवंडी गांव दो गाय खरीदने गया था ताकि वह अपने डेरी कारोबार को और बड़ा कर सके।
शनिवार को गांव लौटे असलम ने रकबर के घरवालों को बताया कि वह अंधेरे का फायदा उठाकर खेतों में छिप गया जबकि रकबर पर भीड़ ने हमला बोल दिया। असलम ने बताया कि दोनों लोग रकबर की मोटरसाइकिल में शाम पांच बजे गांव से निकले थे और रात को लालवंडी गांव पहुंचे थे। रकबर ने उसे यह बोलकर साथ ले गया था कि दो गाय खरीदने जाना है। उन लोगों के पास दो बछड़े पहले से थे।
दोनों वहां 60 हजार रुपए में दो गाय खरीदीं। रकबर गायों के पीछे – पीछे चल रहा था जबकि असलम मोटरसाइकिल पर किनारे -किनारे चल रहा था। तभी एक फायर की आवाज सुनाई दी और कुछ लोग यह कहते हुए उनके पीछे दौड़े कि कोई गाय चुराकर लिए जा रहा है।
अलवर लिंचिंग: रहबर खान परिवार में अकेला शख्स था कमाने वाला असलम के अनुसार, लोग उनकी ओर आ रहे थे तो वह डर के मारे खेतों में छुप गया, लेकिन रकबर गायों को पकड़कर चल रहा था तो वह नहीं भागा।
असलम ने बताया कि अंधेरे के कारण वह लोगों को पहचान तो नहीं सकता लेकिन उनकी आवाज पहचान सकता है क्योंकि वह बहुत जोर-जोर से उन्हें गाली दे रहे थे। उसने बताया कि वह शनिवार की सुबह तक वह खेतों में छुपा रहा और सुबह होने पर दूसरे वाहन में लिफ्ट मांगकर अपने गांव पहुंचा।