गीतकार जावेद अख्तर के बुर्के के साथ ही घूंघट पर भी प्रतिबन्ध लगाने के बयान पर विवाद खड़ा हो गया है. करणी सेना ने जावेद अख्तर के इस बयान की आलोचना करते हुए घर में घुसकर मरने की धमकी दी है. करणी सेना महाराष्ट्र विंग के अध्यक्ष जीवन सिहं सोलंकी ने एक इंटरव्यू में कहा कि कि बुर्का आंतकवाद से जुड़ा है, जो कि राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल है. उन्होंने कहा कि हमने पत्र भेजकर जावेद अख्तर को मांफी मांगने को कहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कि यदि तीन दिन में जावेद अख्तर ने मांफी नहीं मांगी तो परिणाम भुगतने को तैयार रहें.

जीवन सिहं सोंलकी ने धमकी भरे पत्र के साथ एक विडियो क्लिप भी भेजी है, जिसमें उन्हें जावेद अख्तर को धमकी देते हुए सुना जा सकता है. इस विडियो क्लिप में जीवन सिहं सोंलकी जावेद अख्तर को कहते नज़र आ रहे हैं कि अगर वह मांफी नहीं मांगते हैं तो वे ना सिर्फ उन्हें घर में घुसकर मारेंगे, बल्कि उनकी आखों के साथ ही जीभ भी बाहर निकाल देंगे.

वहीं दूसरी तरफ जावेद अख्तर ने इस मामले पर सफाई दी है. उन्होंने एक ट्वीट करते हुए कहा कि मेरे बयान को तोड़मरोड़कर गलत तरीके से पेश किया गया है और उसका गलत मतलब निकला जा रहा है. दरअसल उनका कहना है कि मैंने कहा था कि शायद श्रीलंका में सुरक्षा कारणों से प्रतिबंध किया गया है लेकिन बुर्के या घूंघट को प्रतिबंधित करना महिला सशक्तीकरण के लिए जरूरी है.

आपको बता दें कि बीते गुरुवार जावेद अख्तर ने भोपाल में कहा था कि देश में बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगाने पर उन्‍हें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन केंद्र सरकार राजस्थान में 6 मई को होने वाले लोकसभा सीटों के लिए मतदान से पहले घूंघट प्रथा पर भी प्रतिबंध लगाए.

वैसे यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी करणी सेना फिल्म ‘पद्मावत’ के विरोध में भी सडकों पर उतर आई थी. इस दौरान करनी सेना के समर्थकों ने संजय लीला भंसाली के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन भी किया था. करणी सेना के विरोध के चलते की फिल्म का नाम ‘पद्मावती’ से बदलकर ‘पद्मावत’ करना पड़ा था. हाल ही में करणी सेना ने फिल्म ‘मणिकर्णिका’ के निर्माताओं को धमकी दी थी.

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