राजस्थान में बुधवार देर रात आए तूफ़ान 34 ज़िंदगियाँ लील ली हैं. बता दें कि यह तूफ़ान इतना भीषण था इसकी चपेट में आकर 100 से भी ज्यादा लोग घायल हो गये हैं जिनमें से 10 की हालत नाजुक बनी हुई है. बता दें कि इस तूफ़ान के बाद राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रूपए का मुआवजा और राहत सामग्री उपलब्ध कराने की घोषणा की है ।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मंत्रियों को बवंडर से प्रभावित जिलों में भेजा है। प्रदेश में बुधवार शाम करीब 7 बजे से देर रात तक 120 किलोमीटर तक प्रतिघंटा की रफ्तार से चली हवा ने भरतपुर,धौलपुर और अलवर जिलों में तबाही मचा दी। अन्य जिलों में भी तूफान का असर देखने को मिला। तूफान का सबसे अधिक कहर भरतपुर जिले में हुआ ।
तूफान के कारण गिरे कच्चे घरों,पेड़ों और बिजली के खम्भों के नीचे दबने से 17 लोगों की मौत हो गई । तूफान के कारण धौलपुर जिले में 10, अलवर जिले में 6 और झुंझुंनू जिले में 1 व्यक्ति की मौत हो गई । तूफान का असर प्रदेश के सवाई माधोपुर, दौसा और जयपुर से श्रीगंगानगर जिले तक भी दिखाई दिया। हालांकि इन चारों जिलों में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। जयपुर में आंधी चली, लेकिन रफ्तार 18 किमी.प्रतिघंटा की रही।
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भरतपुर जिला कलेक्टर एन.के.गुप्ता ने बताया कि गांवों लोगों की मौत का प्रमुख कारण कच्चे घरों का गिरना है। लोगों ने कच्ची दीवारों पर लोहे के टीन शैड़ की छत बनाकर 5 से 10 किलो वजन के पत्थर रखे हुए थे,जैसे ही तेज तूफान के कारण टीन शैड़ उड़ा तो पत्थर घर में सो रहे लोगों पर आकर गिरे और उनकी मौत हो गई । कच्चे घरों की दीवारों के गिरने और पत्थरों के नीचे दबने से कुल 14 लोगों की मौत हुई, शेष 3 लोगों की मौत पेड़ों के नीचे दबने से हुई है, जिले में करीब 50 लोग घायल हो गए है जिनका जिला सरकारी अस्पतालों में इलाज चल रहा है।