भारतीय रेलवे अपने नए स्टाफ की भर्ती को लेकर काफी सोच- विचार कर रही है. बता दें कि रेलवे नई स्टाफ की भर्ती में लगने वाले करीब दो साल के समय को लेकर विचार कर रही है. हो सके तो रेलवे २ साल के समय को कम करने का प्रस्ताव रखे और इसपर काम करें. अगर रेलवे का यह प्रस्ताव के अनुरूप कामकाज हुआ तो भर्ती की समूची प्रक्रिया दो साल से कम करके छह माह में ही पूरी हो सकेगी.
जानकारी के लिए बता दें कि रेलवे में स्टाफ की भारी बहुत ही कम है, इसलिए वह भर्ती को आसान बनाने के विकल्पों पर सोच-विचार कर रहा है. इसमें अन्य उपायों के अलावा ऑनलाइन टेस्ट भी शामिल है.
दरअसल 24 नवंबर को वास्कोडिगामा-पटना एक्सप्रेस के बेपटरी होने के बाद रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी द्वारा बुलाई गई बैठक में रेलवे के सभी जोन प्रमुखों ने रिक्त पदों पर भर्ती का मसला उठाया था. बैठक के मिनट्स के अनुसार नार्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे के जनरल मैनेजर सी. राम ने कहा था कि भर्ती प्रक्रिया में बहुत वक्त लगता है, आवेदन प्राप्त करने के बाद से करीब-करीब दो साल लग जाते हैं.
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ऐसे में ऑनलाइन टेस्ट व अन्य उपाय करते हुए भर्ती की प्रक्रिया में बदलाव किया जाये. राम ने बैठक में 17 महाप्रबंधकों की मौजूदगी में यह बात कही थी। 20 तक मंगाए प्रस्ताव राम के सुझाव पर चेयरमैन लोहानी ने कहा था कि रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) को समूची प्रक्रिया की समीक्षा कर इसे छह माह में पूरी करने का लक्ष्य रखना चाहिए। इसके साथ ही बोर्ड ने रेलवे के सभी विभागों को निर्देश दिया कि इस मुद्दे पर सभी अपने प्रस्ताव 20 दिसंबर तक प्रेषित करें.
कुछ ने कहा कि जोनल रेलवे को अपनी रिक्तियों की सूचना बोर्ड को देने की बजाए सीधे आरआरबी को देने की अनुमति देना चाहिए.इससे भी स्टाफ भर्ती में कम वक्त लगेगा.