कांग्रेस ने भले ही उस उर्दू अखबार की रिपोर्ट को सिरे से खारिज किया हो जिसमें दावा किया गया था कि राहुल गांधी ने कांग्रेस को मुस्लिमों की पार्टी बताया था. लेकिन अब उसी अखबार में कांग्रेस के अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रमुख नदीम जावेद का इंटरव्यू छपा है, जिसमें कांग्रेस नेता ने एक तरह से यह पुष्टि की है कि राहुल गांधी ने कांग्रेस को मुसलमानों की पार्टी बताया था.

बीजेपी इस मौके का भरपूर फायदा उठा रही है और लगातार कांग्रेस पर हमले कर रही है बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि कांग्रेस को यह स्वीकार कर लेना चाहिए कि उनकी पार्टी मुस्लिमों की पार्टी है.

वही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के एक तथाकथित बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया. नीतीश के रूख से साफ है कि फिलहाल वो इस विवाद पर किसी के पक्ष या विपक्ष में नहीं बोलना चाहते हैं या ना दिखना चाहते हैं. नीतीश के इस स्टैंड को हाल में कांग्रेस पार्टी के नेताओं का उनके प्रति नरम रुख से भी जोड़ रहे हैं. बिहार में अधिकांश कांग्रेस विधायक किसी भी हाल में नीतीश को वापस महागठबंधन का नेता मानने के लिए तैयार हैं, लेकिन निश्चित रूप से भाजपा के नेताओं को नीतीश का ये रुख रास नहीं आया होगा. उन्हें उम्मीद रहती है कि नीतीश भी ऐसे मुद्दों पर उनके समर्थन में आए और कांग्रेस पार्टी पर हमला बोला है.

क्या है मामला
दरअसल पिछले हफ्ते उर्दू अखबार ‘इंकलाब’ ने एक रिपोर्ट छापी थी जिसमें बताया गया था कि राहुल गांधी ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ मुलाकात के दौरान कहा था कि कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है। अखबार की इस रिपोर्ट का हवाला देकर बीजेपी ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला था. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले देश को मजहब के आधार पर बांटने का आरोप लगाया। खुद पीएम मोदी ने भी आजमगढ़ में इसे लेकर तंज कसा और पूछा था कि कांग्रेस बताए कि वह सिर्फ मुस्लिम पुरुषों की पार्टी है या मुस्लिम महिलाओं की भी। दूसरी तरफ कांग्रेस ने अखबार की रिपोर्ट को गलत बताते हुए बीजेपी पर फेक न्यूज फैलाने का आरोप लगाया था.

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