अपने धर्म को लेकर भाजपा का ज़बरदस्त विरोध झेल रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने धर्म के ऊपर उठ रहे सवालों पर चुप्पी तोड़ते हुए विरोधियों को करारा जवाब देते हुए सब की बोलती बंद कर दी है. बता दें कि राहुल गांधी ने कहा है कि वह और उनके परिवार के सदस्य ‘शिवभक्त’ हैं, लेकिन राजनैतिक फायदे के लिये वह अपने धर्म का इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं.
व्यापारियों की बैठक को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि उन्हें अपने धर्म के बारे में किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है और न ही वह धर्म को लेकर ‘दलाली’ करते हैं. कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा के कुछ कार्यकर्ताओं ने सोमनाथ मंदिर में गैर हिंदुओं वाले रजिस्टर में उनका नाम दर्ज कर दिया, जिसकी वजह से विवाद हुआ.
राहुल गांधी ने कहा कि मेरी दादी (दिवंगत इंदिरा गांधी) और मेरा परिवार शिवभक्त हैं. इसके राहुल गांधी ने कहा कि हम इन चीज़ों को निजी रखते हैं. राहुल ने आगे कहा कि हमें किसी से सर्टिफिकेट लेने की ज़रूरत नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘हम इसका ‘व्यापार’ नहीं करना चाहते हैं. हम इसको लेकर दलाली नहीं करना चाहते हैं. हम इसका राजनैतिक उद्देश्य के लिये इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं.’’ कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने इस बातचीत का वीडियो मीडिया से साझा किया है.
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गांधी ने कहा, ‘‘मैं आपको बताऊंगा कि कल क्या हुआ. मैं मंदिर के भीतर गया. तब मैंने विजिटर्स बुक पर हस्ताक्षर किए. उसके बाद भाजपा के लोगों ने दूसरी पुस्तिका में मेरा नाम लिख दिया.’’ सरदार वल्लभभाई पटेल और जवाहर लाल नेहरू के बीच संबंधों पर राहुल ने कहा कि वे कुछ राजनैतिक और विचारधारात्मक मतभेदों के बावजूद मित्र थे.