कर्नाटक में फिर से कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे राहुल गांधी ने 2019 को लेकर अपनी भूमिका स्पष्ट कर दी है. 2019 में राहुल की भूमिका को लेकर लंबे समय से उठ रहे सवालों और संभावनाओं पर पूर्ण विराम लगाते हुए राहुल गांधी ने कहा है कि वे कांग्रेस की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. बेंगलुरु में समृद्ध भारत फाउंडेशन के एक कार्यक्रम में एक सवाल के जवाब में सवालिया लहजे में ही राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस अगर 2019 में सबसे बड़ी पार्टी बनी, तो मैं प्रधानमंत्री क्यों नहीं बनूंगा. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि कांग्रेस का प्रदर्शन कैसा रहता है.
गौरतलब है कि पांच महीने पहले ही राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष बने हैं और उनके प्रधानमंत्री बनने को लेकर समय-समय पर चर्चा होती रहती है. 2012 में भी राहुल को प्रधानमंत्री बनाने को लेकर मांग उठी थी. तब केंद्र में यूपीए-2 की सरकार थी और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे. उस समय राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत ने कहा था कि देश चाहता है कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनें. 2014 के आम चुनाव से चंद महीने पहले खुद तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी कहा था कि 2014 के चुनाव के बाद राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद के लिए आदर्श पसंद होंगे. उन्होंने तो यहां तक कहा था कि मुझे राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस में काम करने में खुशी होगी.
हालांकि कांग्रेस पार्टी के स्तर पर अभी इसे लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ है. कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक में भी इसे लेकर मांग उठी थी कि राहुल को प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाया जाए, लेकिन तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राहुल को प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाने की मांग खारिज कर दिया था. लेकिन अब अध्यक्ष की भूमिका में आ चुके राहुल खुद को प्रधानमंत्री पद के लिए तैयार कर चुके हैं. इससे पहले, पिछले साल सितंबर में अमेरिका दौरे पर भी राहुल गांधी ने उनके प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा था कि हां, मैं ऐसा करने के लिए बिल्कुल तैयार हूं, बशर्ते मेरी पार्टी यह फैसला करे.