राफेल को लेकर आज की राहुल गांधी की प्रेस वार्ता में कांग्र्रेस अध्यक्ष बिलकुल अलग अंदाज़ में दिखे, राहुल ने कहा, कि राफेल से जुड़े दस्तावेज गायब हुए मतलब विपक्ष के आरोप सच्चे हैं और अब मोदी सरकार उस सच को छिपाना चाह रही है. प्रेसवर्ता की शुरुआत राहुल ने तंज भरे अंदाज़ में की, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि एक नई लाइन निकली गई है “गायब हो गया”, 2 करोड़ युवाओं को रोजगार गायब हो गया, किसानों को सही दाम, डोकलाम गायब हो गया, जीएसटी से कारोबार गायब हो गया, राफेल की फाइलें भी गायब हो गई.
गायब दस्तावेजों का क्या हो सकता है मोदी सरकार को नुकसान ?
राहुल ने कहा कि अब मीडिया की जांच करने की बात हो रही है, लेकिन जिसने 30 हजार करोड़ का घोटाला किया है उसपर कोई जांच नहीं हो रही है. किसी भी चीज़ को मरोड़कर नरेंद्र मोदी का बचाव किया जा रहा है. सरकार का लक्ष्य सिर्फ चौकीदार को बचाना है. राहुल ने कहा कि कागज गायब हुए हैं तो इसका मतलब ये है कि कागजों में सच्चाई है. इनमें साफ लिखा है कि नरेंद्र मोदी सौदेबाजी कर रहे थे, अब ये बात हर कोई कह रहा है. उन्होंने कहा कि राफेल डील में नरेंद्र मोदी ने बाईपास सर्जरी की है. इस सरकार के राज में रोजगार-किसानों के मुद्दे के साथ राफेल की फाइलें भी गायब है. मोदी सरकार का काम सबकुछ गायब करना है. उन्होंने कहा कि जिनका नाम कागजों में है उनपर कार्रवाई होनी चाहिए. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आपको जिसपर कार्रवाई करनी है कीजिए, लेकिन प्रधानमंत्री पर भी कार्रवाई होनी चाहिए. PM ने ही सीबीआई के चीफ को हटाया, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी फटकार लगाई. उन्होंने अनिल अंबानी की जेब में 30 हजार करोड़ रुपये डाल दिए. कुल मिलाकर लगभग ठंडे पड़ रहे राफेल मामले ने कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान गायब दस्तावेजों की जानकारी की बाद फिर तूल पकड़ लिया है. लेकिन ये बात तो तय है कि गायब हुए दस्तावेजों का जवाब देना मोदी सरकार के लिए भले ही मुश्किल ना भी हो, लेकिन जनता में एक गलत सन्देश जरूर जा रहा है, जिसका त्वरित खामियाजा मोदी सरकार को लोकसभा चुनाव में जरूर देखने को मिल सकता है.