भोपाल। प्रदेश के कई जिले लंबे लॉक डाउन की गिरफ्त में, हर जिला मुख्यालय साप्ताहिक छुट्टी के दौर में, हर शहर गांव में बीमारों की कतार और हर तरफ महामारी को लेकर हाहाकार। ऐसे में प्रदेश के बड़े जनप्रतिनिधि अपनी यात्राओं में ही व्यस्त हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार बंगाल से लेकर दमोह तक की चुनावी सभाओं में घूम रहे हैं तो कांग्रेस के फायर ब्रिगेड नेता दिग्विजय सिंह हालात को पीठ दिखाकर दिल्ली कूच करने की तैयारी में हैं।
जानकारी के मुताबिक मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रदेश में कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 12, 13 और 14 अप्रैल के अपने सभी कार्यक्रम निरस्त कर दिए हैं। वे 12 अप्रैल को सुबह 10 बजे इंडिगो विमान से दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे। इधर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी पिछले कई दिनों से राजधानी भोपाल, पार्टी कार्यकर्ताओं और सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूरी बनाए हुए हैं। इस बीच वे दमोह उपचुनाव के लिए रैलियां, सभाएं और अन्य कार्यक्रमों में ही दिखाई दिए हैं। इसके अलावा पार्टी के अन्य बड़े नेता और पूर्व मंत्री भी गाहे बगाहे भी दिखाई नहीं दे रहे हैं। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा दो दिन पहले नाराज होकर राजधानी के जेपी अस्पताल पहुंचे तो इतना हंगामा बरपा किया कि एक सीनियर डॉक्टर ने महामारी और जरूरत के इस दौर में अपनी नौकरी से ही इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस संगठन से जुड़े लोग भी अब सार्वजनिक दर्शनों से दूर ही नजर आ रहे हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन दिनों भोपाल को महज अपना रैन बसेरा बना रखा है। महामारी के इस विकट समय में उनका ज्यादा वक्त बंगाल और अन्य चुनाव वाले राज्यों में गुजर रहा है। प्रदेश में मौजूदगी के दौरान शिवराज का आधा समय और ध्यान दमोह उपचुनाव की तरफ ही रहता है। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की रोजाना की ब्रीफिंग में कमी रेखांकित की जाने लगी है तो राजधानी के मंत्री विश्वास सारंग ने संक्रमण बढ़ने से पहले वाली हमीदिया अस्पताल भ्रमण की सक्रियता को विराम दे दिया है। यहां के अन्य भाजपा विधायकों में शामिल रामेश्वर शर्मा और कृष्णा गौर ने भी फिलहाल अपने कदम घर में और जुबान अपने काबू में कर रखी है।

जनता किससे करे गुहार
लचर विपक्ष से किसी तरह की उम्मीद नहीं है और सत्ता पर काबिज नेता आमजन की पहुंच से दूर हैं। ऐसे में जनता की परेशानी ये है कि वह अपना दुखड़ा रोने किसके पास जाएं। महामारी के विकराल हालत में बेड की कमी, ऑक्सीजन का टोटा, इंजेक्शन की
अनउपलब्धता के लिए लोगों ने खुद को भगवान भरोसे छोड़ दिया है।

खान आशु

Adv from Sponsors