लॉकडाउन में देखते ही गोली मारने के आदेश वाले कर्फ़्यू का व्यवहार
भोपाल। पिछले लॉकडाउन के शुरूआती दौर में बने हालात ने पुलिस को लोगों की बहुत खरी-खोटी सुनने पर मजबूर किया था। लोगों को सड़कों पर निकलने से रोकने, मॉस्क लगाने और बेवजह घूमने के जुर्म में कई स्थानों पर पुलिस जवानों ने जमकर डंडे बरसाए थे। बाद में कर्फ़्यू और लॉक डाउन के फर्क को समझने के साथ हालात में सुधार हुआ। ठीक एक साल बाद फिर से शुरू हुए रविवारीय लॉक डाउन और नाइट कर्फ़्यू की स्थितियों के बीच पुलिस अपने पुराने रवैये पर है, लोग हैरान हैं और अधिकारी फिलहाल ला-जवाब हैं।
रविवारीय लॉक डाउन के दूसरे सप्ताह पर आने से पहले शुक्रवार से नाइट कर्फ़्यू की मियाद बढ़ा दी गई। नई गाइडलाइन के मुताबिक अब बाजार रात 10 की बजाए 9 बजे बंद होना शुरू हो गए हैं। आदेश के पहले दिन बाजारों में मुस्तैद पुलिस जवानों ने रात 8 बजे से ही डंडे बजाना शुरू कर दिए। कई स्थानों पर दुकानदारों से बहस और तकरार के हालात भी बने। इसी बीच घरों की तरफ जाने के लिए सड़कों पर मौजूद लोगों से अपराधियों की तरह व्यवहार भी किया गया। किसी को उठक-बैठक लगवा दी गई तो किसी को देर तक खड़े रहने की सजा सुना दी गई।
अब सड़कों पर कोहराम
मॉस्क लगाने की अनिवार्यता का पालन कराने शहरभर में दर्जनों स्थानों पर पुलिस जवान तैनात हैं। इस दौरान बिना मॉस्क लगाए वाहन चालकों को रोका-टोकी और चालानी कार्यवाही से दो-चार होना पड़ रहा है। चौराहों पर उतर आए पुलिस की सख्ती का आलम यह है कि लगाए गए बैरिकेट से निकलने का परमिट इनके हाथों में आ गया है। बिना मॉस्क वालों की चालानी कार्यवाही से हटकर इस दौरान हेलमेट, लाइसेंस और कागजों की जांच का दौर भी शुरू कर दिया गया है।
बचने के लिए उठा रहे जोखिम
वीआईपी रोड, कमला पार्क, लिली टॉकीज, अल्पना तिराहा जैसे अनेक स्थानों पर लगे बैरिकेट्स और पुलिस की मौजूदगी से लोग खौफ में हैं। पुलिस की चालानी कार्यवाही से बचने के लिए वे वन-वे में विपरीत दिशा में दौड़ लगाते नजर आ रहे हैं। इस दौरान दिन में कई बार हादसों के हालात भी बन रहे हैं।
चौराहे सूने-गलियां आबाद
रात 9 बजे बाजार बंद कराने के बाद सड़कों पर इक्का-दुक्का आवाजाही जरूर हो गई है लेकिन पुराने भोपाल की गलियों में इस स्थिति ने बड़े मजमे के हालात बना दिए हैं। काजी कैम्प, शाहजहांनाबाद, बुधवारा, इतवारा समेत अनेक तंग बस्तियों में लोग गलियों के किनारों पर जमघट लगाए खड़े नजर आ रहे हैं। पुलिस की गश्त के दौरान यहां अफरा-तफरी का माहौल बना दिखाई देने लगा है।
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बिना अधिकार के अधिकारी
दिन में बैरिकैट्स चैकिंग और रात में पुलिस गश्त के दौरान जवानों के साथ कुछ स्थानीय लोग भी मौजूद दिखाई देने लगे हैं। पुलिस वालों से ज्यादा सख्ती और नियमों के पालन की ताकीद इन बिना अधिकार के अधिकारियों द्वारा लोगों को दी जा रही है। व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए साथ रखे गए इन स्थानीय लोगों में अधिकांश पुलिस के रिकार्डशुदा लोग भी शामिल हैं।
खान आशु