प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सपा-बसपा सहित विपक्ष पर निशाना साधते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि करारी हार देख कर ये तमाम ‘महामिलावटी’ पूरी तरह पस्त हैं. उन्होंने कहा कि इन दलों ने ‘मोदी हटाओ’ के नाम से अभियान शुरू किया था और बेंगलुरु में एक मंच पर एक दूसरे का हाथ पकड़कर फोटो खिंचवाई थी. ‘उसके बाद जैसे ही प्रधानमंत्री पद की बात आई तो सब अपना-अपना दावा लेकर अपनी-अपनी ढफली बजाने लगे.’
मोदी बोले, ‘आठ सीट वाला, 10 सीट वाला 20-22 सीट वाला, 30-35 सीट वाला भी प्रधानमंत्री बनने के सपने देखने लगा.’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘सपने देखना गलत नहीं है लेकिन देश ने कहा कि – फिर एक बार, मोदी सरकार.’
उन्होंने कहा, ‘ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि देश को कुछ जरूरी सवालों के जवाब देने की ना इन्होंने जरूरत समझी, ना इनके पास ताकत थी और ना ही ये जवाब दे पाये. ये देश को नहीं बता पाये कि 21वीं सदी के भारत में स्थिर सरकार कैसे देंगे, साल-छह महीने में ही सरकारें गिरती रहेंगी तो देश का भला कैसे होगा, गरीब का भला कैसे होगा, विकास कैसे होगा, आतंकवाद-नक्सलवाद पर इनका क्या कहना है?’
विपक्षी दलों पर हमला जारी रखते हुए मोदी ने कहा ‘‘इन दलों ने झूठ, अफवाह, गाली गलौज, जातिवाद, विरोध और भय का मॉडल देश के सामने रखा.’’
मोदी ने कहा कि विपक्षी दलों ने सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक का विरोध किया. ये घुसपैठियों की पहचान का, नागरिकता कानून का, तीन तलाक के कानून का, ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने और लोकपाल की नियुक्ति का, शत्रु संपत्ति कानून लागू किए जाने का विरोध कर रहे हैं. ‘‘और कदम कदम पर ‘मोदी का विरोध’ भी कर रहे हैं.’’
उन्होंने कहा ‘‘हम उस राजनीतिक एवं सामाजिक संस्कृति में पले बढ़े हैं, जहां खुद से बड़ा दल और दल से बड़ा देश होता है. हमने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के मूल्यों को आत्मसात किया है. हमारी संस्कृति, हमारे ज्ञान विज्ञान को लेकर दुनिया पहले से कहीं अधिक चर्चा कर रही है. हम आर्थिक रूप से एक सशक्त देश के रूप में उभर रहे हैं.’’
मोदी ने कहा, ‘यही कारण है कि 21वीं सदी का युवा आज देश को 2014 से पहले के दौर में वापस भेजने के लिए तैयार नहीं है.’